नई दिल्लीः आज के व्यस्त जंदगी में खान पान की वजह से लोगों में प्रोटीन की कमी की समस्या बहुत अधिक बढ़ गई है। प्रोटीन की कमी होने का एक और बड़ा कारण है क्या आप जानते है।
एक रिसर्च के मुताबिक ह्यूमन एक्टिविटी से होने वाले कार्बन डाईऑक्साइड इजेक्शन से गेहूं चावल और अन्य मुख्य अनाज की पोषकता में कमी आने के कारण प्रोटीन की कमी होने का खतरा पैदा हो सकता है। इतना ही नहीं 2050 तक भारत में 5 करोड़ 30 लाख लोगों में प्रोटीन की कमी होने का खतरा पैदा कर सकता है।
अमेरिका में हावर्ड टी एच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं की रिसर्च के अनुसार अगर कॉर्बन डाईऑक्साइड का लेवल इसी तरह बढ़ता रहा तो वर्ष 2050 तक 18 देशों की आबादी की डायट में 5% से ज्यादा प्रोटीन की कमी हो सकती है। एन्वायरमेंट में कॉर्बन डाईऑक्साइड के बढ़ते लेवल के कारण 15 करोड़ लोगों में प्रोटीन की कमी का खतरा पैदा हो सकता है।
हावर्ड के सीनियर शोधकर्ता सैमुअल मायर्स का कहना है कि ये रिसर्च इस बात पर अधिक जोर दे रही है कि ह्यूमन एक्टिविटी से होने वाले कार्बन डाईऑक्साइड इजेक्शन पर लगाम लगाएं। एन्वायरमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव्स मैग्जीन में पब्लिश इस रिसर्च के मुताबिक दुनियाभर में 76% आबादी प्रोटीन की जरुरत को पौधों के जरिए से पूरी करती है।