गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान पूरा हो चुका है। मगर अब तक काउंटिंग नहीं हो पाई है। जिसका कारण कांग्रेस का विरोध है। कांग्रेस ने क्रॉस वोटिंग करने वाले अपने 2 विधायकों के वोट रद्द करने की मांग की है। कांग्रेस ने इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की है। वहीं बीजेपी भी इस मामले पर चुनाव आयोग पहुंची है। अब तक दोनों पार्टियां तीन-तीन बार आयोग पहुंच चुकी हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि आयोग ने तीसरी बार दोनों पार्टियों के डेलीगेशन से मिलने से मना कर दिया। अरुण जेटली, निर्मला सीतारमण और रविशंकर प्रसाद समेत 6 केंद्रीय मंत्रियों ने चुनाव आयोग जाकर कांग्रेस की शिकायत को बेबुनियाद करार दिया।
दोबारा चुनाव आयोग पहुंचे रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि हमने आयोग से कहा है कि जल्दी से गिनती शुरू होनी चाहिए। कांग्रेस के सभी आरोप बेबुनियाद हैं। कांग्रेस पार्टी जो व्यवहार कर रही है, हम उसकी निंदा करते हैं। वहीं आयोग वीडियो फुटेज देख रहा है। अहमदाबाद से फुटेज को दिल्ली भेजा गया है।
चुनाव आयोग से शिकायत करने के बाद कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि हरियाणा में भी ऐसा ही हुआ था, वहां वोट रद्द किया गया था। उन्होंने कहा कि हमारे पास सबूत के तौर पर वीडियो है। बीजेपी को बैलेट पेपर दिखाने पर वोट रद्द होना चाहिए। उन्होंने दोनों वोट रद्द होने के बाद काउंटिंग होने की मांग की है। इस दौरान रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी पर ताकत का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
वहीं कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल से पहले बीजेपी डेलीगेशन ने चुनाव आयोग से मुलाकात की. मुलाकात के बाद बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कांग्रेस पार्टी सुबह से बेबुनियाद आरोप लगा रही है। कांग्रेस हार की खबर से बौखला गई है, इसलिए उन्होंने आपत्ति जताई है। चुनाव आयोग से अपील की है कि इस आरोप पर कोई मौका नहीं दिया जाना चाहिए। रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को कोर्ट जाकर मामले को चुनौती देने की चेतावनी दी।
कांग्रेस का आरोप है कि उनकी पार्टी के दो विधायकों ने अपने बैलेट पेपर बीजेपी के प्रिसाइडिंग ऑफिसर को दिखाए हैं। इन विधायकों के नाम भोलाभाई गोहिल और राघवजी पटेल हैं। हालांकि, बीजेपी इन वोटों को सही बता रही है।
वहीं इस बीच अहमद पटेल ने कहा है कि हमने वोटिंग के तुरंत बाद ही इसका विरोध किया था। मगर रिटर्निंग ऑफिसर ने कोई एक्शन नहीं लिया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के आदेश तक इंतजार कीजिए। पटेल ने एक बार फिर कहा कि वो अपनी जीत को लेकर काफी आश्वस्त हैं।
जेडीयू विधायक छोटू वसावा ने दावा किया है कि उन्होंने अहमद पटेल को वोट दिया है। वहीं जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी का दावा बिल्कुल उलटा है। उन्होंने कहा है कि जेडीयू विधायक ने बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया है।
वहीं कांग्रेस का आरोप है कि उनकी पार्टी के दो विधायकों ने अपने बैलेट पेपर बीजेपी के प्रिसाइडिंग ऑफिसर को दिखाए। इन विधायकों के नाम भोलाभाई गोहिल और राघवजी पटेल हैं। हालांकि, बीजेपी इन वोटों को सही बता रही है।
चुनाव आयोग में शिकायत-
कांग्रेस ने इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की है। पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और आरपीएन सिंह ने चुनाव आयोग से क्रॉस वोटिंग करने वाले दो विधायकों के वोट रद्द करने की मांग की है। कांग्रेस का आरोप है कि दोनों विधायकों ने अमित शाह को बैलेट पेपर दिखाकर वोटिंग की है।
रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि ये पूरा मामला कोड ऑफ कंडक्ट के अंतर्गत आता है। नियमों का पालन नहीं किया गया है, ऐसे में ये वोट रद्द होने चाहिए। सुरजेवाला ने दावा किया है कि दोनों विधायकों ने वोट डालने के बाद पार्टी नेताओं के बजाय अमित शाह को बैलेट दिखाया।
हालांकि, संविधान विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा करने पर वोट रद्द नहीं किए जा सकते हैं। हालांकि, ऐसे मामलों में पार्टी अपने विधायकों के खिलाफ जरूर कार्रवाई कर सकती है।
गुजरात कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा है कि कांग्रेस के दोनों विधायकों ने अपने बैलेट पेपर अमित शाह को दिखाए हैं। यानी उन्होेंने अमित शाह को दिखाकर वोट किए। गोहिल ने दावा किया है कि यदि कोई वोटर दूसरी पार्टी के एजेंट को अपना बैलेट पेपर दिखाता है, तो उसका वोट रद्द हो जाता है।
गिनती में हुई देरी-
कांग्रेस की इस मांग का असर वोटों की गिनती पर भी पड़ता नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि जब तक ये पूरा मामला वीडियो देखकर सुलझा नहीं लिया जाता, तब तक वोटों की गिनती शुरू नहीं हो पाएगी। हालांकि, इस विवाद से पहले वोटिंग पूरी होने के बाद शाम 6 बजे तक नतीजे आने की संभावना जताई गई थी।
आपको बता दें कि राज्यसभा की तीन सीटों पर चार उम्मीदवार खड़े हैं। बीजेपी की ओर से अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत पक्की मानी जा रही है। लड़ाई तीसरी सीट को लेकर है, जिस पर कांग्रेस नेता अहमद पटेल उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए हैं। इस सीट पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए बलवंत सिंह राजपूत उम्मीदवार हैं। बलवंत सिंह राजपूत सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक हुआ करते थे।
कांग्रेस विधायकों की बगावत के साथ ही एनसीपी ने भी कांग्रेस को झटका दिया है। एनसीपी ने बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान कर दिया है।हालांकि, बाद में एनसीपी के एक विधायक ने यूपीए के साथ रहने का दावा किया है। वहीं दूसरी तरफ जेडीयू के एक विधायक ने भी कांग्रेस के पक्ष में वोट करने का दावा किया है।
कांग्रेस ने किया जीत का दावा-
कांग्रेस महासचिव और गुजरात प्रभारी अशोक गहलोत ने दावा किया है कि अहमद पटेल को 45 वोट मिलेंगे। अशोक गहलोत का दावा है कि 43 कांग्रेसी विधायकों, एक जेडीयू और एक एनसीपी के विधायक ने अहमद पटेल को वोट दिया है। इस तरह 45 वोटों के साथ उनकी जीत पक्की है। कांग्रेस का मानना है कि शंकर सिंह वघेला समेत 8 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है।
कांग्रेस के सम्मान का सवाल-
कांग्रेस के लिए ये लड़ाई इसलिए अहम हो जाती है कि 65 विधायकों के साथ कांग्रेस ने इस राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव और प्रभावशाली नेता अहमद पटेल को उम्मीदवार बनाया था। मगर 6 विधायकों के इस्तीफे और कई नेताओं के संपर्क से बाहर होने की वजह से कांग्रेस का सियासी गणित गड़बड़ हो गया है। हालांकि पिछले 10 दिनों से कांग्रेस ने अपने 44 विधायकों को पहले बंगलुरु और अब आनंद के रिजॉर्ट में रखकर लड़ाई में बने रहने की कोशिश की है, मगर चुनाव परिणाम आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
कांग्रेस के लिए इस मुकाबले में एनसीपी के दो और जेडीयू के एक विधायक का वोट भी काफी महत्वपूर्ण है। इस मुद्दे पर एनसीपी बटी हुई दिखी। पवार की बेटी और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि पार्टी कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन देगी। मगर शरद पवार की पार्टी के एक विधायक ने दावा किया है कि दोनों विधायकों को भाजपा के प्रत्याशी बलवंत सिंह राजपूत का समर्थन करने का निर्देश दिया गया है। एनसीपी विधायक कंधाल जडेजा ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा है कि वह और एक पार्टी विधायक जयंत पटेल से राजपूत के समर्थन में वोट देने को कहा गया है।
जानें सीटों का गणित-
गुजरात से राज्यसभा की तीसरी सीट पर अहमद पटेल को जीतने के लिए 45 वोट चाहिए। उनकी पार्टी के पास वर्तमान में 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इनमें से कोई भी यदि क्रॉस वोटिंग नहीं करता है या ‘उपयुक्त में से कोई नहीं’ (नोटा) विकल्प का प्रयोग नहीं करता है, उस स्थिति में भी कांग्रेस को पटेल की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक अतिरिक्त वोट की जरूरत होगी।
हाल ही में कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करने वाले शंकर सिंह वाघेला की भूमिका भी इस लड़ाई में काफी अहम मानी जा रही है। वाघेला ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान भले ही किया है, मगर वाघेला और उनके बेटे ने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। बलवंत राजपूत वाघेला के रिश्तेदार हैं, ऐसे में वाघेला और उनके समर्थक 6 विधायकों के बलवंत सिंह राजपूत के पक्ष में वोट करने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
काफी अहम है ये चुनाव-
गुजरात में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्यसभा की इस चुनावी जंग ने सियासी सरगर्मियां काफी बढ़ा दी हैं। बीजेपी के लिए जहां ये अपना वर्चस्व बढ़ाने की कोशिश होगी, वहीं कांग्रेस के लिए अपना सम्मान बचाने की जंग होगी।