रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर वहशी दरिंदों ने एक बालिका को अपनी हवस का शिकार बनाया। बुलंदशहर पुलिस ने तीन में से एक आरोपी को आज गिरफ्तार कर लिया है। लड़की को चिकित्सा जांच के लिए भेज दिया गया है।
बुलंदशहर के याकूबपुर गांव के पास घर में अकेली युवती को तीन लोगों ने घर से अगवा करने के बाद सामूहिक दुष्कर्म किया। सलेमपुर के थानाध्यक्ष शोकेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि गांव के शख्स की शिकायत के मुताबिक उनकी बेटी के साथ आकाश (22), पवन (21) व सौरभ (24) ने रविवार रात सामूहिक दुष्कर्म किया। किशोरी के जीजा व बहन ने विरोध किया, तो आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने किशोरी के पिता की तहरीर पर गांव के ही तीन युवकों पर मुकदमा दर्ज कर पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए जिला महिला अस्पताल भेज दिया है। घटना सलेमपुर थाना क्षेत्र की है।
सलेमपुर थाना क्षेत्र के गांव निवासी घर का मुखिया प्राइवेट गार्ड की नौकरी करता है। उसने पुलिस को दी तहरीर में बताया है कि रविवार रात वह ड्यूटी पर चला गया था। पत्नी बेटे के साथ राखी बंधवाने के लिए मायके गई हुई थी। घर में छोटी बेटी के साथ ही बड़ी बेटी व दामाद था। कल रात करीब डेढ़ बजे जब दामाद की आंख खुली, तो छोटी बेटी चारपाई पर नहीं थी। दोनों छोटी बेटी की तालाश में घर से निकल गए।
इस दौरान गांव में ही एक खंडहरनुमा मकान से आवाज आने पर दामाद व बेटी पहुंचे, तो गांव के ही तीन युवक बेटी से दुष्कर्म कर रहे थे। दामाद के साथ ही बड़ी बेटी ने जब विरोध किया तो आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दी।
शोर सुनकर अन्य ग्रामीण भी जाग गए और वे भी मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों को आता देख आरोपी वहां से भाग गए। कल किशोरी के पिता ने पुलिस को इस घटना की सूचना दी। किशोरी ने पुलिस को बताया कि गांव के तीन युवक उसे जबरन घर से उठा कर ले गए थे।
पुलिस ने पीडि़ता को मेडिकल जांच के लिए जिला महिला अस्पताल भेज दिया और पिता की तहरीर पर गांव के ही आकाश, सौरभ व पवन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। आरोपियों को पुलिस अभी गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, जिसके बाद ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म की सूचना पर जिला महिला अस्पताल में कवरेज करने गए मीडियाकर्मी से पुलिसकर्मियों ने दुव्र्यवहार किया। मीडियाकर्मी ने जब घटना को कवर करने की बात कही, तो उसे झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी। हालांकि बाद में मौके पर पहुंचे नगर कोतवाल ने पूरी स्थिति को समझने के बाद विवाद शांत करा दिया।