सनातन धर्म में त्रिदेव अर्थात ब्रह्मा, विष्णु व महेश को सबसे प्रमुख माना गया है। तीन देवों में से कोई एक भी अनुपस्थित में कोई भी शुभ कार्य सम्पन्न नहीं किया जाता।सनातन धर्म की मान्यतानुसार भद्रा काल में भगवान शंकर तांडव करते हैं। तांडव के दौरान शिव के क्रोधित होने से ही कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता।
यही वजह है कि भद्रा में बहने अपने भाईयों को राखी नहीं बांधती। मान्यतानुसार शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल में राखी बांधी थी और इसी कारण रावण का विनाश हुआ था। अतः भद्रा में रक्षा सूत्र नहीं बांधा जाता है।
रक्षा बंधन शुभ करने के उपाय
➥राखी बांधने के बाद सूतक काल में भाई-बहन एक दूसरे पर से कुछ सिक्के वारकर भिखारी को दान करें।
➥शिव के तांडव को शांत करने हेतु राखी बांधने से पूर्व शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करें।
➥अपने परिवार की रक्षा के लिए राखी बांधने से पहले शनि मंदिर में तिल का तेल चढ़ाएं।
➥सुख-समृद्धि के लिए राखी बांधने से पहले श्री कृष्ण के मंदिर जाकर उन्हें रक्षा सूत्र बांधें।
➥यम गंडक काल से मुक्ति के लिए राखी बांधने से पहले शिवलिंग पर मौली बांधें।