बलासन

तेजी से बढ़ रही अपनी भाग-दौड़ भरी जिंदगी में अपने स्वास्थ्य का ख्याल रख पाना बेहद मुश्किल हो गया है। ऐसे में जो एक चीज आपको बिना किसी खर्चे के फिट रख सकती है, वह ‘योगा’ है। जी हां, आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहतमंद और तनाव को दूर करने के लिए योगासन बड़ी भूमिका निभाते हैं। योग करने से शरीर, मन और दिमाग स्‍वस्‍थ रहता है, इसलिए दिन भर में थोड़ा सा वक्‍त अपने लिए निकालकर हर किसी को रोजाना योग करना चाहिए।

योग की खूबसूरती यह है कि इसके लाभ प्राप्‍त करने के लिए आपको योगी या योगिनी होने की जरूरत नहीं है। चाहे आप जवान हो या बूढ़े, अधिक वजन वाले हो या फिट, योग में मन को शांत करने और शरीर को मजबूत करने की शक्ति होती है। योग टर्मिनोलॉजी, फैंसी योग स्टूडियो और जटिल योग पोज से आपको भयभीत होने की जरूरत नहीं है, योग हर किसी के लिए है। आइए ऐसे कौन से योग हैं, जिन्‍हें हर उम्र के व्‍यक्ति बिना किसी परेशानी के करके हमेशा स्‍वस्‍थ रह सकते हैं, इस बारे में अस्तित्‍व योग की फाउंडर ओर फैसिलिटेटर कुमुद अदलखा से विस्‍तार में जानें।

वज्रासन करने की विधि-
इस आसन को करने के कुछ देर तक घुटनों को मोड़कर बैठें कि पैरों के पंजे पीछे की ओर हो जाएं और हिप्‍स दोनों एडिय़ों के बीच में आ जाएं। दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिलाकर रखें। एडिय़ों में अंतर भी बनाए रखें। दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। पीछे की ओर न झुकें और शरीर सीधा रखें। इस अवस्था में कुछ देर बैठे रहें।

वज्रासन के फायदे-
– वज्रासन एक ऐसा आसन है, जो भोजन के बाद भी किया जा सकता है।
– वज्रासन में बैठने से खाना पचाने में मदद मिलती है।
– अपच, गैस, कब्‍ज आदि समस्‍याओं को दूर करता है।
– रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।

भद्रासन करने की विधि-
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले दंडासन की स्थि‍ति में बैठ जाएं। फिर घुटनों को मोड़कर दोनों पैरों को आपसे में मिलकर एड़ियों को गुदाद्वार के नीचे वाली हड्डी पर टिका दें। दोनों हाथों के पंजों को मिलकार पांव के पंजों को पड़कर माथे को जमीन पर लगाएं। अब कुछ देर के लिए नाक के अगले भाग पर दृष्टि जमाएं।

भद्रासन के लाभ-
– दिमाग तेज करता है और एकाग्रता को बढ़ाता है।
– पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
– पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
– सिरदर्द, कमरदर्द और आंखों की कमजोरी को दूर करता है।
– अनिद्रा की समस्‍या से राहत मिलती है।

बलासन करने की विधि-
इसके लिए घुटने के बल जमीन पर बैठ जाएं, जिससे शरीर का सारा भाग एड़ियों पर हो। गहरी सांस लेते हुए आगे की ओर झुकें। आपकी चेस्‍ट थाई से छूनी चाहिए और माथे से फर्श को छूने की कोशिश करें। कुछ सेकेंड इस अवस्था में रहने के बाद सांस छोड़ते हुए वापस उसी अवस्था में आ जाएं। मगर ध्यान रहें कि गर्भवती महिलाएं या घुटने के रोग से पीड़ित लोग इसे न करें।

बलासन के फायदे-
इससे पेट की चर्बी भी कम हो जाती है।
– घुटनों और मांसपेशियों मजबूत होती हैं।
– तनाव से छुटकारा मिलता है।
– कंधे और गर्दन के तनाव को दूर करता है।

भुजंगासन करने की विधि-
भुजंगासन को कोबरा पोज भी कहते हैं क्‍योंकि यह दिखने में फन फैलाए एक सांप जैसा पॉस्चर बनाता है। इसे करने के लिए सबसे पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों हाथ के सहारे शरीर के कमर से ऊपरी हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं, मगर कोहनी आपकी मुड़ी होनी चाहिए। हथेली खुली और जमीन पर फैली होनी चाहिए। अब शरीर के बाकी हिस्सों को बिना हिलाए-डुलाए चेहरे को बिल्कुल ऊपर की ओर करें। कुछ समय के लिए इस मुद्रा में यूं ही रहें।

भुजंगासन के फायदे-
– पेट की चर्बी कम करने, कमर पतली करने और कंधे चौड़े व बाजू मजबूत करने में यह आसन बहुत फायदेमंद होता हैं।
– शरीर को लचीला और सुडौल बनाने में इसका बहुत महत्व है।
– इससे आपकी पाचन क्रिया अच्छी रहती है।

उष्ट्रासन करने की विधि-
उष्ट्रासन में ऊंट की आकृति बनाई जाती है। इसी कारण इस उष्ट्रासन कहा जाता है। इसे करने के‍ लिए वज्रासन में बैठकर अपने घुटनों के बल खड़े हो जाये। घुटनों से कमर तक का भाग सीधा रखें व पीठ को पीछे की ओर मोड़कर हाथों से पैरों की एड़ियां पकड़ लें। अब सिर को पीछे की आरे झुका दें।

उष्ट्रासन के फायदे-
– पेट की चर्बी कम करता है।
– डायबिटीज को कंट्रोल करता है।
– फेफड़ों की सेहत के लिए बेहद ही उम्‍दा आसन है।
– यह आसन कमर और गर्दन में दर्द के लिए रामबाण है।

यदि आप भी उम्र के हर पड़ाव में सेहतमंद रहना चाहते हैं, तो आज से ही करें ये योगासन।