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चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और भारत की ‘खुली विदेश आर्थिक नीति’ की बुधवार को प्रशंसा की है। डोकलाम को लेकर जारी तनातनी और उकसावे भरे अपने बयानों के बीच चीन का यह बयान चौकाने वाला है।

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘भारत लगातार ही विदेशी निवेश आकर्षित कर रहा है, उसने निवेश के लिए सकारात्मक माहौल बनाया है और पिछले दो वर्षों के दौरान दुनिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का सबसे बड़ा गंतव्य रहा है।’

इसमें साथ ही यह भी कहा गया है, ‘भारत और चीन के बीच व्यापार सहयोग मजबूत करने और उनकी ‘खुली व्यापार नीति की पैरवी’ से निश्चित रूप से मुक्त वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने और संरक्षणवाद का मुकाबला करने में प्रोत्साहन मिलेगा।’

इस बयान में कहा गया है कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने एक सक्रीय विदेश नीति लागू की, विदेशी निवेश नीति को सुधारा है और घरेलू उद्यमों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतरने के लिए प्रोत्साहित किया है।’

भारत में चीनी राजदूत के हवाले से इस लेख में कहा गया है कि ‘भारत का मौजूदा सुधार प्रक्रिया और खुली नीति बेहद आकर्षक है।’ इसमें साथ ही यह भी कहा गया है, ‘विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर दोनों विकासशील राष्ट्रों का रुख एक समान है। उदाहरण के लिए, भारत ने हरित अर्थव्यवस्था के प्रति अपनी प्रतिबध्ता दिखाई है और पेरिस जलवायु समझौते को लागू करने में अग्रणी रहा है।’

डोकलाम को लेकर भारत के खिलाफ उकसावे भरे बयानों के बीच शिन्हुआ में प्रकाशित यह लेख एक अप्रत्याशित अपवाद के रूप में देखा जा रहा है। इससे पता चलता है कि बीजिंग वैश्विक वित्तीय संस्थानों में उभरते राष्ट्रों को अधिक अधिकार दिए जाने, वैश्विकरण विरोधी रुख का विरोध करने सहित उन तमाम मुद्दों पर भारत से साथ चाहता है, जो उसे अपने हित में दिखते हैं।