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योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने पर अमेरिकी अखबार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खूब आलोचना की थी, जिस पर अब भारत ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है।

भारत ने कहा है कि इस तरह की बातें लिखने से अखबार की समझ पर सवाल उठता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले का कहना है कि संपादकिय या विचार व्यक्तिपरक होते हैं, इस मामले में भी ऐसा ही है। लोकतांत्रिक देशों में जनादेश को माना जाता है, यहां भी जनादेश ही हुआ था, इस तरह किसी जनादेश पर संदेह करने से समझ पर सवालिया निशान ही खड़ा होता है।

अमेरिका अखबार ‘न्यूयार्क टाइम्स’ में ‘हिंदू कट्टरपंथियों से मोदी की गलबहियां’ शीर्षक के साथ एक संपादकिय प्रकाशित की गयी थी, जिसमें यह लिखा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2014 में चुने जाने के बाद से ही अपनी पार्टी के कट्टर हिंदू बेस का अपमान करते हुए आर्थिक प्रगति और विकास के धर्मनिरपेक्ष लक्ष्यों को बढ़ावा देते हुए धोखे का खेल खेल रहे हैं।

इसके अलावा अखबार के लेख में लिखा गया था कि, ‘कट्टर हिंदुवादी छवि वाले योगी आदित्यनाथ को यूपी का सीएम बनाने का पीएम मोदी की पार्टी का कदम अल्पसंख्यकों के लिए ‘चौंकाने वाला अपमान’ जैसा है।’ साथ ही अखबार में यह भी लिखा गया है कि मुस्लिमों को बुरा-भला कहकर योगी आदित्यनाथ ने अपना राजनीतिक सफर तय किया है।