शौचालय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत चल रहे शौच मुक्त अभियान के तहत केंद्र सरकार घर-घर शौचालय बनवाने पर जोर दे रही है। जिससे हर तरफ न केवल स्वच्छता रहे बल्कि प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत का सपना भी साकार हो सके। लेकिन शिक्षा विभाग में इस अभियान की जमीनी हकीकत कुछ और ही नज़र आरही है।

बता दें कि यूपी के कानपुर शहर में कई प्राथमिक विद्यालय ऐसे है जहा पर शौचालय ही नही है। यही नही जिन स्कूलो में शौचालय बने भी हैं तो वह चोख पड़े है। इस स्थिति में बच्चो व् टीचरों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यही नही इन स्कूल को आवारा जानवरों ने अपना घर बना रखा है।

पिछले कई सालों से टूटी हुई है स्कूल की बाउंड्री-
मामला कानपुर के किदवाई नगर एक्सटेंशन के वार्ड 55 में बने प्राथमिक विद्यालय का है। इस प्राथमिक विद्यालय में अब तक कोई शौचालय नही है। जिसके चलते स्कूल के बच्चों को स्कूल परिसर में ही या फिर बाहर शौच के लिए जाना पड़ता है। यही नही जितनी समस्या छात्रों के सामने है उतनी ही समस्या यहाँ के टीचरों के सामने भी है। बता दें कि इस स्कूल की बाउंड्री वाल बीते कई साल से टूटी पड़ी है।

जिसकी वजह से आवारा जानवरों के लिए स्कूल आराम गाह बना हुआ है। यही नही पूरे स्कूल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जिससे चारों तरफ फैली बदबू के कारण बच्चो वहां रुकना तक मुस्किल है। लेकिन ऐसी स्थिति में भी बच्चो को वहां पढ़ाया जाता है। यही नही ये बच्चे ऐसी ही जगह पर बैठ कर खाना खाते है।

बरसात के दौरान परिसर में भर जाता है पानी-
इस सम्बन्ध में स्कूल की प्रधानाध्यापक सुमन गुप्ता से बात की गई।
उन्होंने बताया कि अभी जुलाई माह में ही मैंने इस स्कूल में ज्वाइनिंग ली है। स्कूल परिसर की बाउंड्री टूटी है.जिसकी वजह से यहाँ गंदे जानवर अन्दर आ जाते है और गंदगी फैलाते है। इसके साथ ही स्कूल में शौचालय के लिए भी मैंने बीएसए कार्यालय को पत्र लिखा है। यह काम प्रासेज पर है, मुझे विश्वास है यह काम जल्दी ही हो जायेगा।

स्कूल में फैली गंदगी पर उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सफाई के लिए कर्मचारी से कहा गया था, लेकिन वह आया नही है.उन्होंने कहा कि शौचालय की वजह से बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि बच्चे ट्वायलेट के लिए स्कूल परिसर के पीछे ही जाते है। लेकिन बरसात के दौरान परिसर में पानी भी भर जाता है। इसकी निकासी की भी व्यवस्था फिलहाल नही है।

बच्चों ने बताई अपनी समस्या-
इस मामले में स्कूल के बच्चो का कहना है कि गंदगी की वजह से यहाँ बहुत बदबू आती है.बच्चों ने बताया कि सूअर व् आवारा जानवर स्कूल में आते है और गंदगी फैलाते है। शौचालय नही होने के कारण हम लोग परेशान होते है। बच्चों ने बताया कि मैडम से हम लोग कहते है कि मैडम जी यहाँ की सफाई करा दो तो वह कहती है बेटा हो जायगी।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्कूल में बच्चों के लिए होनी चाहिए ये सुविधाएँ-
सर्व सिक्षा अभियान के अंतर्गत सरकार ने स्कूलों में बच्चों के लिए बहुत सी सुविधाएँ दी हैं। जिसमे स्कूल में हवादार कक्षाओं की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही बच्चो के खेलने के लिए मैदान होना चाहिए। इस के अलावा किचन व् गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए अनुकूल वातावरण होना चाहिए। जिसमे शौचालय को विशेष दर्जा दिया गया है।

लेकिन कानपुर शहर में कई ऐसे विद्यालय हैं जहाँ आज भी शौचालय की व्यवस्था नही है। हालांकि सभी स्कूल में लगे बाल अधिकार के बोर्ड में लिखा हुआ है स्वच्छ पेयजल और बालक बालिका हेतु प्रथक-प्रथक शौचालय। लेकिन बाल अधिकार बोर्ड पर लिखी इन बातों का अधिकारियों पर कोई असर नही पड़ रहा है।