भारतीय महिला क्रिकेट टीम 12 साल बाद वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची हैं और उसका मुकाबला मेजबाज इंग्लैंड से है। फाइनल मैच रविवार को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जायेगा। 2005 में साउथ अफ्रीका के सुपर स्पोटर्स पार्क, सेंचुरियन में खेले गए फाइनल मैच में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया से 98 रनों से हार गई थीं।
उस वर्ल्ड कप में लीडिंग बोलर का अवॉर्ड कानपुर की लेफ्ट-आर्म स्पिनर नीतू डेविड को मिला था। नीतू डेविड 8.35 की एवरेज से 20 विकेट चटका कर लीडिंग बोलर बनी थी। इसी वर्ल्ड कप में 23 साल की झूलन गोस्वामी 3.53 के औसत से 13 विकेट चटका कर तीसरे नम्बर पर रहीं।
आज भारतीय महिला क्रिकेट का रूप भी काफी बदल गया है। पुरुष क्रिकेट की तरह भारी संख्या में क्रिकेट फैन्स मैदान में उमड़ने लगे हैं। छह बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलियाई टीम को सेमीफाइनल मैच में 36 रनों की हराकर फाइनल में कदम रखने वाली टीम इंडिया के लिए पंजाब के मोगा की हरमनप्रीत कौर भुल्लर ने शानदार पारी खेली।
इस वर्ल्ड कप के दूसरे ही मैच में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को 24 जून को खेले गए मैच में 35 रनों से हरा दिया था। इस मैच में भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 50 ओवर्स में 3 विकेट पर 281 रनों का बड़ा स्कोर बनाया था। भारत के लए ओपनर्स पूनम राउत (86), स्मृति मंधाना (90) और कप्तान मिताली राज ने 71 रनों की पारी खेली।