दूसरे शहर में अपराध करके अपराधी सड़कों पर आराम से नहीं घूम सकेंगे। इनको पकड़ने के लिए केडीए इंदौर की तर्ज पर आटोमेटिक सिग्नल में कैमरे लगाने जा रहा है। इनमें अपराधी के चेहरे को फोटो कैमरे के साफ्टवेयर में फिट कर कंट्रोल रूम से जोड़ दिया जाएगा। जैसे ही वह कैमरे के आसपास से गुजरेगा उसकी फोटो कंट्रोल रूम तक पहुंच जाएगी और पता चल जाएगा कि वह कहां पर है। इसी तरह चोरी हुई गाड़ियां भी बरामद की जा सकेंगी।
पहले चरण में शहर के 12 मॉडल चौराहों पर स्मार्ट कैमरे लगाए जाएंगे। बचे 62 चौराहों को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया जाएगा। इसे लगाने को केडीए ने छह करोड़ से चौराहों पर लग रहे साइन बोर्ड में कटौती की है। अब दो करोड़ रुपये के लगाए जा रहे हैं, बचे धन से कैमरे लगाए जाएंगे।
दो किलोमीटर तक रहेगी नजर-
पीटूजेड कैमरा दो किलोमीटर तक 360 डिग्री में घूमकर सड़क और आसपास के काफी दायरे में हर छोटी से छोटी हरकतों पर नजर रखेगा। सिग्नल तोड़ने वालों पर रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्टर कैमरे के जरिए शिकंजा कसा जाएगा। केडीए उपाध्यक्ष के विजयेंद्र पाण्डियन ने बताया, पहले चरण में 12 चौराहों में कैमरे लगेंगे।