कोविंद

देश के 14वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। नए राष्ट्रपति के चुनाव में बीजेपी नीत एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का मुकाबला विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार से है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, बीजेपी के नेता मुरली मनोहर जोशी समेत कई नेताओं ने वोट डाल दिया है।वहीं उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी वोट डाल दिया है।

संसद भवन के साथ ही हर राज्य की विधानसभाओं में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा। संसद के दोनों सदनों में जहां सांसदों की वोटिंग की व्यवस्था की गई है, वहीं राज्य विधानसभाओं में वहां के निर्वाचित सदस्य वोट डालेंगे। 20 तारीख को परिणाम आएंगे।

सपा नेता आजम खान ने कहा कि मीरा कुमार अच्छी हैं। उनके पास एक अच्छा अतीत और एक स्पष्ट छवि है। मुझे विश्वास है कि सपा का वोटर क्रॉस वोटिंग नहीं करेगा। मीरा कुमार जीतेंगी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी वोट डाल दिया है। यूपी में सपा के 12 से 15 विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। सुबह 10 बजे से ही संसद भवन में कमरा नंबर 62 में सांसद और केंद्रीय मंत्री लाइन में लगकर वोट डाल रहे हैं। इसी बीच पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह वोट डालने पहुंचे। सांसदों के लिए हरे रंग का और विधायकों के लिए गुलाबी रंग का मतपत्र बनाया गया है। सपा के शिवपाल यादव भी कोविंद को समर्थन दे रहे हैं।

असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी डाला वोट। डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने तमिलनाडु विधानसभा में वोट डाला। त्रिपुरा में टीएमसी के 6 विधायक कोविंद के पक्ष में वोट डालेंगे। ममता बनर्जी ने मीरा कुमार को समर्थन का ऐलान किया था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई बड़े नेताओं ने भी अपना वोट डाल दिया है। आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वोट डाल दिया है।

शिवपाल गुट का दावा है कि सपा के कुछ विधायक रामनाथ कोविंद के समर्थन में मतदान कर सकते हैं।

कोविंद की जीत पक्की!
आपको बता दें कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है, जिसके अगले दिन यानी 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति पदभार ग्रहण करेंगे। सियासी समीकरणों को देखें तो इस चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की जीत पक्की मानी जा रही है। राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल दोनों उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार दलित समुदाय से आते हैं और उन्होंने देशभर में घूम-घूम कर विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है।

आंकड़ों की बात की जाए तो बिहार के पूर्व राज्यपाल कोविंद की दावेदारी मजबूत नजर आ रही है क्योंकि उन्हें एनडीए के अलावा जेडीयू और बीजू जनता दल (बीजेडी) जैसे विपक्षी दलों का भी समर्थन हासिल है। यहां जेडीयू के पास निर्वाचक मंडल का कुल 1.91 फीसदी वोट है, जबकि बीजेडी के पास 2.99 फीसदी वोट है। इसके साथ ही तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के पास 2%, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) का एक गुट (5.39 %) और वाईएसआर कांग्रेस (1.53%) ने भी कोविंद के पक्ष में मतदान करने की घोषणा की है।

आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में हर सांसद के वोट का वैल्यू 708 है, जबकि विधायकों के वोटों का मूल्य उनके राज्यों की आबादी के अनुसार होगा, जैसे उत्तर प्रदेश के एक विधायक के वोट का वैल्यू 208, जबकि अरुणाचल जैसे कम आबादी वाले राज्य के विधायक के वोट का मूल्य 8 बैठता है। ऐसे में कोविंद को निर्वाचक मंडल के कुल 10,98,903 मतों में से 63 फीसदी से ज्यादा मत मिलने की संभावना है।