उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस अथॉरिटीज की जांच सीएजी (कैग) से कराने का फैसला किया है। अभी तक इसका राज्य ऑडिट होता था। सूत्रों के मुताबिक सरकार पिछले 10 साल के कार्यकाल में नोएडा में हुए घोटालों की जांच कराएगी। सरकार के इस कदम को करप्शन पर सख्ती के तौर पर देखा जा रहा है। अब केंद्र सरकार से जुड़ी एजेंसी अथॉरिटी की जांच करेगी, इससे कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी।
अभी तक अथॉरिटी के खातों की जांच लोकल फंड ऑडिट डिपार्टमेंट करता था। मगर इस फैसले के बाद सरकार ने तीनों अथॉरिटी के साथ-साथ यूपीएसआईडीसी को भी सीएजी के दायरे में लाने का फैसला किया गया है। पिछले काफी समय से फ्लैट खरीदने वाले आरोप लगा रहे थे कि मायावती और अखिलेश सरकार ने बिल्डर्स को औने-पौने दामों में ज़मीन दे दी थी।
सरकार का यह फैसला खरीदारों को ध्यान में रखकर लिया गया है। इस बारे में प्रदेश के प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक सिन्हा की तरफ से 11 जुलाई को एक पत्र विशेष सचिव मोनिका रानी ने जारी किया है।