कब्रिस्तान

यहां के कब्रिस्तान बहुमंजिला बने हुए हैं। जहां एक के उपर एक कब्र बनाई जाती है और उन्हें दफनाया जाता है। हालांकि ये सब एक सार्वजनिक कब्रिस्तान है लेकिन यहां के नियमों के अनुसार मृत्यु के बाद मुर्दों को रखने के लिए उनके परिवारवालों को हर माह किराया देना पड़ता है।

लेकिन अगर कोई परिवार शव का किराया नही दे पाते है तो वहां से कब्र के बॉक्‍स को तोड़कर अंदर से लाश निकालकर, सार्वजनिक और सामुहिक कब्रिस्तान में जहां पर एक साथ कई लाशों को दफनाया जाता है, उनके साथ उस शव को निकाल कर सामूहिक कब्र में अन्य शवों के साथ डाल दिया जाता है।

जगह की कमी होने के कारण इन कब्रिस्तानों का किराया भी काफी महंगा है और लोगो को मजबूरन यही पर अपने परिजनों के शवों को दफनाना पड़ता है। किराया महंगा होने से मृतकों के परिजन हमेशा इस भय में रहते हैं कि न जाने कब उनके प्रिय परिजन के शव को बाहर निकाल दिया जाएगा। इसी के चलते उन्हें समय पर किराया देना पड़ता है नहीं तो बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। कम जगह की वजह से सरकार की ओर से बनाएं गए इस नियम से लोगो को परेशानी थी लेकिन प्रशासन का कहना है कि ज्यादा आबादी और कम जगह के चलते बहुमंजिला कब्रिस्तान बनाएं गए है।

जो लोग इन बहुमंजिला कब्रिस्तान का किराया दे नही पाता है उनके लिए प्रशासन की ओर से शहर के बाहर एक सामूहिक ग्राउंड बनवाया है, जहां उन शवों को दफनाया जाता है जिनके परिजन किराया नहीं भर पाते हैं।

इस कब्रिस्‍तान में प्रत्‍येक शव का किराया 24 डॉलर प्रतिवर्ष का किराया है। जबकि ग्‍वालेमाटा में 8 मिलियन जनसंख्‍या गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा है। यहां एक व्‍यक्ति का खर्च प्रति दिन 9 डॉलर है।

तो इस वजह से बना बहुमंजिल
आपकी जानकारी के लिए बात दें कि ग्वाटेमाला जगह की कमी है। इसलिए एक के उपर एक कब्र बनी होती है। और इन्ही कब्रों में एक साइड में ब्‍लॉक रहता है जहां से कॉफिन को अंदर डाला जाता है। और बाहर से दीवार बनाकर मरने वालें का नाम लिख दिया जाता है ताकि उनकी समय पर पहचान की जा सके।

किराया ना दे पाने के कारण शवों को बाहर निकालकर एक गाड़ी में भरकर सामूहिक कब्रिस्तान में दफना दिया जाता है।