बरेली में इंटर पास करने के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा हार्दिक मोबाइल पर ज्यादा वक्त बिताने लगा। मां ने डांटा तो इतना बुरा लगा कि वह घर छोड़कर चला गया। इसके बाद खुद ही अपने अपहरण का नाटक करने लगा।
अपने मोबाइल से परिजनों को वाट्सएप मैसेज किए। अगवा होने की झूठी जानकारी देते हुए दो करोड़ की फिरौती मांगने लगा। सर्विलांस के जरिये पुलिस उस तक पहुंच गई। बरेली लेकर आई तो उसने खुद ही पूरी कहानी बयां कर दी।
कोहाड़ापीर निवासी हींग व्यवसायी उमेश सूरी के बेटे हार्दिक ने इसी साल 74 प्रतिशत अंकों से इंटर की परीक्षा पास की। जिसके बाद वह बच्चों को कोचिंग पढ़ाने लगा। मंगलवार शाम को प्रेमनगर थाने के पास मोहित मित्तल के बेटे वंश मित्तल को ट्यूशन पढ़ाने के बाद से वह लापता हो गया।
रात साढ़े नौ बजे पिता, भाई कुनाल के फोन पर वाट्सएप मैसेज आया कि उसे अगवा कर लिया गया है और फिरौती के दो करोड़ देने होंगे। जिसके बाद परिजनों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी।
मोबाइल चलाने पर डांटती थी मां-
हार्दिक ने बताया कि वह परीक्षा के बाद से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। घर पर रहने पर कुछ देर मोबाइल पर गेम या चैटिंग करता था। मां अक्सर मोबाइल चलाने पर उसे डांटती थी। इसी से नाराज होकर घर छोड़ने का फैसला किया था।
रात भर में 80 से ज्यादा वाट्सएप मैसेज-
पुलिस की पड़ताल में पता चला कि हार्दिक ने रिठौरा-नवाबगंज के पास से अपने मोबाइल पर अपहरण व फिरौती का मैसेज टाइप कर भेजा था। रात में 11:30 बजे तक उसने 20 से ज्यादा लोगों के मोबाइल पर 40 से अधिक वाट्सएप मैसेज किए। रात भर फोन बंद रहा, फिर सुबह साढ़े नौ बजे टनकपुर पहुंचने पर नेटवर्क में आया। वहां से अपनी मौसी को कॉल कर बताया कि टनकपुर रेलवे स्टेशन पर हूं। पीछे किडनैपर लगे हैं। अपने भाई और दोस्तों को वाट्सएप पर मैसेज भेजता रहा।
फेसबुक पर लड़की के नाम से आइडी-
पुलिस ने उसकी तलाश के लिए सर्विलांस लोकेशन तलाश की। फेसबुक की आइडी भी खंगाली तो उसके चेहरे और जानकारी डालने पर एक लड़की की आइडी खुली। आइडी मनप्रीत नाम से थी। पूछताछ में भी हार्दिक ने कुबूल किया कि वही मनप्रीत नाम से लड़की बनकर आइडी चला रहा था और लड़कों से चैटिंग करता था।