एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए गए रामनाथ कोविंद को शिवसेना ने भी समर्थन दे दिया है। समर्थन देने के बाद शिवसेना का कहना है कि कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की निश्चित ही कुछ तो गणित या जोड़ की राजनीति होगी।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में ‘जोड़ नया, खेल पुराना!’ शीर्षक से एक संपादकीय प्रकाशित की है। जिसमें कोविंद के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने के मुद्दे पर ही बात कही गई है। शिवसेना ने कहा कि शिवसेना ने कोविंद को समर्थन दे दिया है, इसलिए एनडीए के वोटों में फूट होगी ऐसा सोचने वालों के मुंह में लगाम लग गई है।
सामना में लिखा गया है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के समय इस तरह के जोड़ का खेल हमेशा होता रहा है, इसलिए अब कोविंद की उम्मीदवारी का जोड़ भले ही नया होगा मगर खेल पुराना ही है।
शिवसेना ने कहा है, ‘कोविंद योग्य और कर्तव्यनिष्ठ हैं। देश के संविधान की वे रक्षा करेंगे इसलिए उन्हें राष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए यह भूमिका हमें मंजूर है, मगर वे सिर्फ दलित हैं और वोटों के जोड़ के लिए उपयोगी होंगे यह ‘तत्व’ ठीक नहीं है। फिर उस तत्व में श्री प्रकाश अंबेडकर जो डॉ बाबा साहेब अंबेडकर के वारिसदार हैं अधिक योग्य बैठते हैं और कांग्रेस ने जो अन्याय डॉ अंबेडकर पर किया उसे दूर करने का मौका वर्तमान सत्ताधीशों को मिल गया होता।’
आपको बता दें कि शिवसेना ने पहले तो कोविंद के नाम का विरोध किया था, मगर बाद में उसने समर्थन दे दिया। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि बीजेपी ने केवल वोट बैंक के लिए एक दलित को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है। ठाकरे ने ये सभी बातें सोमवार को शिवसेना पार्टी के 51वें स्थापना दिन पर कही थी।