हिमाचल प्रदेश : पूजास्थलों पर लोग अपनी मंगल कामना के लिए जाते हैं मगर ज़रा सोचीं किसी धार्मिक स्थल पर जाने से अनिष्ट होने लगे तो ? निश्चित ही आप वहां नहीं जाएंगे।
यूँ तो हिंदी मान्यताओं के अनुसार दम्पति एक साथ ही पूजा-पाठ करते हैं लेकिन देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा मंदिर है, जहां दंपति के एक साथ पूजा करने को शुभ नहीं बल्कि अनिष्टकारी माना गया है।
शिमला के रामपुर नामक स्थान पर स्थित ये मंदिर श्राई कोटि माता के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर में पति-पत्नी को एक साथ देवी माता की पूजा और प्रतिमा का दर्शन करने की मनाही है।
इस मंदिर के बारे में लोगों की मान्यता है कि यदि कोई दंपति यहां देवी दुर्गा की प्रतिमा के दर्शन एक साथ कर लेता है तो उसका तलाक़ हो जाता है इसलिए यहां पति और पत्नी के लिए देवी के पूजन और दर्शन की अलग-अलग व्यवस्थाएं है।
हालांकि यह बात कितनी प्रतिशत सही है, इसका कोई निश्चित प्रमाण नहीं है लेकिन इसे आस्था कहें या अंधविश्वास, दंपति श्रद्धालु यहां एक साथ देवी माता के दर्शन हरगिज नहीं करते हैं।
यह है यहां की प्रचलित किवदंती…
यहां प्रचलित किंवदंती के अनुसार, एक बार जब भगवान गणेश और कार्तिकेय में कौन श्रेष्ठ है और किसका विवाह पहले होगा, इसे लेकर प्रतियोगिता हुई। तब ब्रहमाजी ने कहा जो ब्रह्माण्ड का चक्कर सबसे पहले लगा लेगा, उसे श्रेष्ठ माना जाएगा और उसका विवाह पहले होग। तब कार्तिकेय अपने वाहन मयूर पर ब्रह्मांड का चक्कर लगाने के लिए निकल पड़े, लेकिन गणेश ने शिव और पार्वती की परिक्रमा की और कहा कि माता-पिता के चरणों में ही पूरा ब्रह्माण्ड है।