पाचन से लेकर त्वचा की चमक तक अक्सर विशेषज्ञ फाइबर्स के सेवन की सलाह देते हैं। अब एक शोध कह रहा है कि लंबे समय तक फाइबर-रिच डाइट लेने से बढ़ती उम्र के साथ भी स्वस्थ रहने में मदद मिल सकती है। जानें कैसे?
किसी भी व्यक्ति के लिए उम्र का बढ़ना एक प्राकृतिक क्रिया है। इसके अलावा शरीर के अंगों का कमजोर होना और सफेद बालों, झुर्रियों आदि के साथ बढ़ती उम्र का दिखाई देने लगना भी स्वाभाविक है, लेकिन यदि प्रारंभ से प्रयास किए जाएं, तो बढ़ती उम्र के इन लक्षणों को लंबे समय तक टाला जा सकता है और उम्र संबंधी तकलीफों के असर को कम किया जा सकता है। भोजन भी इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
➤ शोध ने किया खुलासा-
इस संदर्भ में न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया में हुए एक शोध ने यह साबित किया है कि फाइबर से भरपूर भोजन, जोकि असल में कार्बोहाइड्रेट का ही एक प्रकार होता है और जिसे शरीर पचा नहीं सकता, वह असल में बढ़ती उम्र में स्वस्थ रखकर हमें फायदा पहुंचाता है। स्वस्थ रहकर उम्रदराज होने और कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने के बीच की इस कड़ी को शोधकर्ताओं ने लाभकारी माना है। शोधकर्ता कहते हैं कि फाइबर्स की बदौलत, उम्र बढ़ने के साथ आने वाली मुश्किलों जैसे डिसेबिलिटी, डिप्रेशन के लक्षण, दिमागी अक्षमताओं, श्वास संबंधी तकलीफों से लेकर कैंसर और कोरोनरी आर्टरी डिसीज जैसी गंभीर अवस्थाओं तक से बचाव हो सकता है।
➤ रोज की डाइट का हिस्सा-
शोधकर्ता कहते हैं कि रोजाना के भोजन का हिस्सा बनने वाले जो फाइबर शरीर पचा नहीं पाता, वे अधिकांशत: पौधों का ही भाग होते हैं, जैसे फल, सब्जियां और अनाज। ये फाइबर घुलनशील यानी सॉल्युबल और अघुलनशील यानी इन्सॉल्युबल, दो प्रकार के होते हैं। सॉल्युबल फाइबर पानी को सोखकर एक जैल जैसे पदार्थ का निर्माण करते हैं। यह पाचन की क्रिया को धीमा कर देते हैं। इस बात के प्रमाण भी मिले हैं कि इनसे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है, जिससे ह्रदय रोग से बचने में मदद मिल सकती है। इस तरह के फाइबर्स के स्रोत हैं :
– ओट का चोकर
– बार्ले
– नट्स
– सीड्स
– चौला आदि बीन्स
– मटर जैसे दाने
– दाल आदि।
इन्सॉल्युबल फाइबर्स जल्दी से पेट भरने का काम करते हैं, जिससे आप भोजन की अधिक मात्रा ग्रहण करने से बच जाते हैं। ये गेहूं के आटे के चोकर, सबूत अनाज और सब्जियों में पाए जाते हैं।
➤ शुरू से दें ध्यान-
फाइबरयुक्त भोजन के इन फायदों के सामने आने के बाद, डाइट में इनका शामिल होना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। यही कारण है कि अक्सर विशेषज्ञ बचपन से ही इसे डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं। कई बार बच्चों में इसकी कमी गंभीर कब्ज का कारण भी बन जाती है। फाइबर्स का होना पाचन को दुरुस्त बनाता है और इस बात के तो स्पष्ट प्रमाण हैं ही कि पेट का अच्छी तरह से साफ होना, पाचन का सुदृढ़ होना, स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। इसलिए फाइबर्स से दोस्ती करना आवश्यक है।