यूपी के सहारनपुर जिले में हुए जातीय हिंसा मामले में भीम आर्मी मुखिया चंद्रशेखर आजाद ऊर्फ रावण को पुलिस ने हिमाचल के डलहौजी से गिरफ्तार कर लिया है। उसे गुरुवार सुबह करीब 10.30 बजे डलहौजी के सुभाष चौक से गिरफ्तार किया गया। इसके खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसके सिर पर 12 हजार का इनाम घोषित है।
जानकारी के अनुसार सहारनपुर जातीय हिंसा के बाद रावण लगातार सोशल मीडिया पर अपने वीडियो संदेश के जरिए भड़काऊ बयान दे रहा था। इसके बाद सहारनपुर के डीआईजी सुनील इमेनुएल की संस्तुती पर रावण और उसके 3 साथियों पर 12-12 हजार का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस ने बुधवार को उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया था।
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि 9 मई को थाना देहात कोतवाली के अन्तर्गत भीम आर्मी द्वारा पथराव, पुलिस चौकी में तोड़फोड़ और आगजनी में शामिल दीपक और प्रवीण गौतम गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों अभियुक्तों से घटनाओं को अंजाम दिए जाने के संबंध में पूछताछ जारी है। पुलिस इनके अन्य साथियों की भी तलाश कर रही है।
पुलिस सूत्रों द्वारा पता चला था कि जातीय हिंसा के दौरान भीम पार्टी के अकाउंट में 45 से 50 लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे। प्रशासन इस पैसे के प्राइमरी सोर्स का पता लगाने की कोशिश में है। इसके अलावा फेसबुक के जरिए भी भीम आर्मी फंड इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा था। इस वजह से इलाके में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया गया था।
आपको बताते चलें कि भीम आर्मी का पूरा नाम ‘भीम आर्मी भारत एकता मिशन’ है। पहली बार अप्रैल 2016 में हुई जातीय हिंसा के बाद भीम आर्मी सुर्खियों में आई थी। दलितों के लिए लड़ाई लड़ने का दावा करने वाले चंद्रशेखर की भीम आर्मी से आसपास के कई दलित युवा जुड़ गए हैं। यूपी सहित देश के सात राज्यों में फैली इस संस्था में करीब 40 हजार सदस्य जुड़े हुए हैं।
चंद्रशेखर आजाद कहता है कि भीम आर्मी का मकसद दलितों की सुरक्षा और उनका हक दिलवाना है, मगर इसके लिए वह हर तरीके को आजमाने का दावा भी करते हैं, जो कानून के खिलाफ भी है। इस संगठन का केंद्र सहारनपुर का घडकौली गांव है। यहां एक साइन बोर्ड लगा है। इस पर लिखा- ‘द ग्रेट चमार डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ग्राम घडकौली आपका स्वागत करता है।’