गांजे

कोलंबिया यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ डेंटल मेडिसिन से जैफर शैरिफ ने बताया,गांजे के विभिन्न रूपों- भांग हशीश या उसके तेल का लगातार सेवन करने से मसूड़ों के रोगग्रस्त होने का जोखिम कई गुना बढ़ सकता है। यह तो सबको पता है कि तंबाकू का लगातार उपयोग मसूड़े के रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है लेकिन अब यह बात सामने आई है कि गांजे के कई रूप भी जोखिम बढ़ा सकते हैं।

शोधार्थियों ने अध्य्यन के लिए 2,000 वयस्कों का आकलन किया। इनमें करीब 27 प्रतिशत प्रतिभागियों ने बताया कि उन्होंने सालभर तक एक या अधिक बार गांजे का उपयोग किया था।
शोध के मुख्य लेखक शैरिफ ने कहा, “धूम्रपान जैसे अन्य कारकों पर नियंत्रण के बावजूद लगातार परिवर्तित रूप में गांजे का सेवन करने वालों को मसूड़े के रोग होने का खतरा दोगुना होता है।”