नई दिल्ली : आयुर्वेदिक उत्पादों पर भारी टैक्स लगाने के मुद्दे पर पतंजलि ने सरकार से पूछा है कि ऐसे कैसे अच्छे दिन आएंगे। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की आलोचना की है। केंद्र सरकार और पीएम मोदी के हर कदम पर उनका समर्थन और तारीफ करने वाले बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने जीएसटी के मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
पतंजलि आयुर्वेद लि. तथा पतंजलि योगपीठ के प्रवक्ता एस के तिजारावाला का कहना है कि आयुर्वेदिक उत्पादों पर उच्च जीएसटी दर लगाना जनहित में नहीं है। जीएसटी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार का ये कदम निराशाजनक तथा दु:खद है।
एक तरफ मोदी सरकार आयुर्वेद को बढ़ावा दे रही है उद्योग संगठन एसोसिएशन ऑफ मैन्युफेक्चर्स ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन्स (एएमएएम) ने भी कहा कि जीएसटी के तहत अधिक कर से ये दवाएं महंगी होंगी तथा आम लोगों की पहुंच से बाहर हो जाएंगी।
आप को बता दें कि आयुर्वेदिक दवाओं और उससे जुड़े अन्य उत्पादों पर कुल सात फीसद कर चुकाना पड़ता है, जिसमें वैल्यू एडैड टैक्स (वैट) भी शामिल होता है। जीएसटी लागू होने के बाद इन उत्पादों पर कुल 12 फीसद कर लगने लगेगा।