उत्तर कोरिया ने कोरियाई प्रायद्वीप में मंडराते जंग के बादलों के बीच सोमवार को एक और मिसाइल टेस्ट किया। इस तरह का तीसरा परीक्षण तीन हफ्तों में है। 12 बार मिसाइल परीक्षण उत्तर कोरिया इस साल कर चुका है। ऐसे माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया की परीक्षणों का ये सिलसिला महाद्वीपों को लांघकर मार कर सकने वाली मिसाइल तकनीक हासिल करने की मुहिम का हिस्सा है।
जापान का कहना है कि जापान सागर में उसके तट से 200 नॉटिकल मील की दूरी पर ये मिसाइल गिरी। अमेरिकी सेना के अनुसार ये कम दूरी की बैलेस्टिक स्कड मिसाइल थी। करीब 450 किलोमीटर का सफर इसने 6 मिनट में तय किया। ये दूसरा मौका है इस साल जब उत्तर कोरिया की ये मिसाइल जापानी सीमा के नजदीक गिरी है।
उत्तर कोरिया के धुर-विरोधी दक्षिण कोरिया ने मिसाइल परीक्षण की निंदा की है। सिओल ने इसे ‘गंभीर चेतावनी’ करार दिया। हाल ही में दक्षिण कोरिया में उदारवादी विचारधारा के मून जे इन प्रधानमंत्री बने हैं। दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने मिसाइल टेस्ट के बाद जारी बयान में कहा, ‘नए नेतृत्व के चुनाव के बाद ये टेस्ट शांति बहाली की हमारी कोशिशों के लिए सीधी चुनौती है। ‘
उत्तर कोरिया के तल्ख तेवरअमेरिका और इलाके में उसके सहयोगी देशों के दबाव के बावजूद बरकरार है। जी-7 देशों के सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भरोसा दिलाया था कि उत्तर कोरिया की समस्या को सुलझाया जाएगा। चीन ने भी मिसाइल परीक्षणों के खिलाफ अपना रुख साफ किया है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की परमाणु परीक्षण की धमकी के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में उसके खिलाफ पाबंदियां कड़ी करने की मांग उठने लगी है। उत्तर कोरिया को सेक्योरिटी काउंसिल परमाणु टेस्ट ना करने की चेतावनी दे चुका है।