नई दिल्ली। अचल खरे को पिछले महीने नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (NHSRC) का मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। एनएचएसआरसी को सरकार के महात्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दी गई है। दिसंबर 2023 में देश की पहली बुलेट ट्रेन पटरियों पर दौड़ने लगेगी एक इंटरव्यू में अचल खरे ने कहा।
पिछले साल दिसंबर मेंअचल खरे ने एक जनरल कंसल्टैंट की नियुक्ति की है। जनरल कंसल्टैंट काम प्रोजेक्ट की पूरी डिजाइन तैयार करना है। पहले ही इसके लिए ग्राउंड सर्वे पूरा हो चुका है। अगला कदम सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट है। हमने इसके लिए टेंडर मंगा लिए हैं। अगले महीने तक अंतिम पार्टियों का चयन कर उसमें से किसी एक की नियुक्ति भी हो जाएगी।
अगले साल के मध्य से कंस्ट्रक्शन वर्क शुरू हो जाएगा। जापान में ट्रेनिंग के लिए 300 से 330 अधिकारियों को भेजा गया है। गांधीनगर में एक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाया जा रहा है। जहां सभी अधिकारियों को ऑपरेशन स्टार्ट होने से पहले ट्रेनिंग दी जाएगी।
ओपन टेंडर के जरिये बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए ठेके दिए जाएंगे। 508 किमी के रास्ते के निर्माण में 450 किमी का काम भारतीय इकाइयों को दिया जाएगा। इलेक्ट्रिकल सिस्टम में कुछ काम केवल जापानी कंपनियों के लिए आरक्षित होंगे। ट्रैक जापानी कंपनी ही बिछाएगी क्योंकि यह ब्लास्टलेस ट्रैक होगा जो हमारे पास नहीं है।
अचल खरे ने बताया कि इस रेल रूट में 21 किलोमीटर की अंडरग्राउंट टनल होगी जिसका 7 किलोमीटर हिस्सा समुद्र के नीचे होगा। यह पहली बार होगा जब भारत में कोई ट्रेन समुद्र के नीचे से निकलेगी। पूरा ट्रैक एलीवेटेड होगा जिससे जमीन अधिग्रहण और सुरक्षा के मुद्दे से छुटकारा मिलेगा। अहमदाबाद वडोदरा और साबरमती में कोशिश की जा रही है कि शहर में मौजूदा स्टेशनों के नजदीक ही बुलेट ट्रेन स्टेशन हों।
खरे ने कहा कि वह दिसंबर 2023 का लक्ष्य ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन का किराया आम ट्रेन से ज्यादा होगा लेकिन एयरलाइंस के किराये की तुलना में कम होगा। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कुल लागत 1.10 लाख करोड़ रुपए है।