दुनिया में बहुत ही ज्यादा रहस्य भरे पड़े हुए हैं। जिनको अभी तक कोई नहीं जान पाया है। यहां तक की दुनिआ के बेहतरीन और जाने माने वैज्ञानिक भी इसका पता नहीं लगा पाएं हैं। लेकिन इन सभी रहस्यों में से कुछ रहस्य तो सुलझ गए हैं और वहीं कुछ रहस्य अभी भी वैज्ञानिक सुलझा रहे हैं।
चलिए जानते हैं कुछ ऐसे ही रहस्यमई जगह के बारे में जिसको समझना अभी बाकी है।
1. मॉन्कटन, न्यू ब्रंसविक
मॉन्कटन का दूसरा नाम मैगनेटिक हिल’ भी है। आश्चर्य करने वाली बात यह है कि यहां पर गाड़ी को चलाने के लिए स्टार्ट करना नहीं पड़ता है। वैज्ञानिक इस पर जांच कर रहे हैं।
2. अंटार्कटिका (लाल पानी)
अंटार्कटिका ग्लेशियर में एक झरना बहता है इस झरने में से निकलने वाला पानी लाल रंग का होता है। लोगों का मानना है कि वह खून बह रहा है। तो वही वैज्ञानिकों का कहना है कि इस जगह बर्फ के नीचे लोहा तत्व अधिक ज्यादा मात्रा में है। इसीलिए यहां के पानी का रंग लाल है
3. सरट्से, आइसलैंड
1963 में इस तरह का कोई भी आईलैंड धरती पर नहीं था। 1963 में यहां पर पानी के अंदर से ज्वालामुखी फटा और वह ज्वालामुखी लगातार 1967 तक फटता रहा। जैसे ही इस ज्वालामुखी का फटना बंद हुआ यहां एक आईलैंड बना हुआ दिखाई दिया।
4. लोंगयेरब्येन, नार्वे
आकर्टिक सागर के नार्वे द्वीप में, जो की ग्रीनलैंड में है। यहां के बारे में लोगों का यह कहना है कि यहां पर 20 अप्रैल से लेकर 23 अगस्त तक सूरज छिपता ही नहीं है मतलब कि रात होती ही नहीं है।
ऐसा कहा जाता है कि साल 1917 में एक शख्स कि यहां पर मौत हो गई थी जिसका नाम इनफ्लुएंजा था। पर आप विश्वास नहीं मानेंगे कि उस बॉडी के वायरस जैसे मरते समय थे सालों तक वैसे ही रहे। जिसके कारण यहां पर बहुत ज्यादा बीमारियां फैल गईं और लोगों की मरने की संख्या भी बढ़ गयी। इसीलिए जिस भी व्यक्ति को इस तरह की कोई बीमारी लगती है उसे हेलीकॉप्टर से उस आईलैंड से दूर कहीं ले जाकर उसकी मौत आने तक इंतजार किया जाता है, और वहीं पर उसका अंतिम संस्कार कर के लोग वापस अपने देश आ जाते हैं। इसलिए यहां पर इतने सालों से किसी की मौत नहीं हुई है।
5. मोराकी पत्थर, न्यूजीलैंड
यहां पर कोहे बीच जो कि न्यूजीलैंड के ईस्ट कोस्ट में स्थित है। वहां 12-12 फीट के पत्थरों का जमाव हुआ पड़ा है। जिसे देखकर आपको ऐसा लगेगा यह कैसा अजूबा है। जब आप इन पत्थरों को देखेंगे तो आपको इनमें सीप और मोती जैसे पत्थर नजर आएंगे। कहा जाता है कि इनका निर्माण किसी ठोस चीज के चारों ओर समुद्री रेत के रुक जाने की वजह से हुआ है।