सर्वोच्च न्यायालय में व्हाट्सएप के डेटा को फेसबुक से जोड़ने को लेकर निजी डेटा और प्राइवेसी को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनावाई करते हुए कहा कि व्हाट्सएप के पास किसी भी नागरिक का डेटा शेयर करने का अधिकार नहीं है।
नागरिकों के डाटा संरक्षण के लिए हम खुद डाटा प्रोटेक्शन प्राधीकरण हैं। व्हाट्सएप भारतीय कानून को नहीं तोड़ सकता है। कोर्ट ने कंपनी को आदेश देते हुए कहा कि आप जल्द से जल्द अपनी पॉलिसी बनाओ। जनता के अधिकारों की रक्षा करना आपकी संवैधानिक ड्यूटी है, आप इससे नहीं भाग सकते हैं।
देश का कोई भी व्यक्ति नहीं चाहता कि पर्सनल जानकारी किसी से शेयर हो। आपको बता दें कि इससे पहले 27 अप्रैल को भी पांच जजों की पीठ ने व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर सुनवाई की थी। इसमें भी कोर्ट ने व्हाट्सअप को साफ शब्दों में कहा था कि डाटा प्रोटेक्शन के लिए कंपनी जिम्मेदार है। जवाब में व्हाट्सएप के वकील ने कहा कि कपंनी लोगों की डाटा की रक्षा के लिए एक नियामक व्यवस्था बनाने पर काम चल रहा है।
आपको बता दें कि एक जनहित याचिका में कहा गया है कि 2016 में लागू की गई फेसबुक की पॉलिसी के अनुसार फेसबुक, व्हाट्सऐप यूजर्स के डाटा का अपने पास स्टोर कर रहा है। ऐसे में डाटा का गलत इस्तेमाल हो सकता है।
अलग तरह की प्रोटेक्शन की जरूरत नहीं-
कोर्ट ने व्हाट्सऐप से साफ लहजे में कहा है कि आप भारत में डेटा प्रोटेक्शन के लिए अलग स्टैंडर्ड नहीं अपना सकते हैं। किसी भी नागरिक का डाटा शेयर हुआ तो कंपनी पर केस चलाया जाएगा।