लखनऊ : सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उनसे पूछा है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या एक साथ दो पदों पर कैसे रह सकते हैं।
आपको बता दें कि समाजसेवी सोमवार को संजय शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका में सीएम योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को उनको पदों से अयोग्य ठहराने की मांग की गई है। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच मामले की अगली सुनवाई 24 मई को करेगी।
संजय शर्मा ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य दोनों बतौर सांसद तनख्वाह और बाकी सुविधाएं ले रहे हैं। अपनी दलील के समर्थन में शर्मा ने संसद (अयोग्यता का निवारण) अधिनियम 1959 के प्रावधानों का उल्लेख किया है। शर्मा ने कहा कि इस नियम के अनुसार वो यूपी सरकार में किसी पद को नहीं संभाल सकते।
बता दें कि दोनों बीजेपी नेताओं ने 19 मार्च 2017 को बतौर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री शपथ ली थी। आदित्यनाथ गोरखपुर से जबकि केशव प्रसाद मौर्य इलाहाबाद की फूलपुर संसदीय सीट से बीजेपी सांसद हैं। कहा जा रहा था कि राष्ट्रपति चुनाव होने तक योगी और केशव, सांसद पद से इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि दोनों नेताओं को राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालना है।