कुलभूषण जाधव पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में नीदरलैंड के हेग में सुनवाई शुरू हो गई है। 11 जजों की बेंच इस केस की सुनवाई कर रही है। भारत की तरफ से वकील हरीश शाल्वे पक्ष रखकर जाधव के बचाव में भारत की तरफ से दलील देंगे। पाकिस्तान की तरफ से तहमीना जांजुआ पक्ष रखेंगी।
भारत ने कोर्ट में कहा कि पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान ने जल्दबाजी में जो फैसला सुनाया है पाकिस्तान उसे रद्द करे। जाधव को काउंसलर मदद नहीं दी गई। जाधव की फांसी मानवाधिकारों का उल्लंघन है। पाकिस्तान ने राजनयिक मदद देने पर शर्त रखी।
खबर है कि आज की सुनवाई में पाकिस्तान कोर्ट के सामने भारत की मांग को ठुकराते हुए केस रिजेक्ट करने की मांग कर सकता। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान कोर्ट के सामने कुलभूषण जाधव के कथित कबूलनामे का वीडियो भी पेश कर सकता है।
भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने पूर्व नौसैनिक अधिकारी से दूतावास संपर्क के लिये दिए गए 16 आवेदनों की अनदेखी कर वियना संधि का उल्लंघन किया। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कुलभूषण को मौत की सजा सुनाई है, जिसके खिलाफ भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में करीब 18 साल बाद एक बार फिर भारत और पाकिस्तान आमने-सामने हैं। इस बार मामला भारत के कुलभूषण जाधव को एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाने के खिलाफ भारत द्वारा आईसीजे का दरवाजा खटखटाये जाने का है, जबकि 18 साल पहले इस्लामाबाद ने अपने एक नौसैनिक विमान को मार गिराए जाने के बाद उससे हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी।
रिपोर्ट्स है कि पाकिस्तान यह दावा कर सकता है कि आईसीजे को इस मामले में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि जाधव की कथित गतिविधियां ‘शत्रुता’ और ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों’ के अंतर्गत आती हैं।
भारत ने 8 मई को आईसीजे में याचिका दायर कर 46 वर्षीय कुलभूषण जाधव के लिए न्याय की मांग की थी। भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने पूर्व नौसैनिक अधिकारी से दूतावास संपर्क के लिये दिये गये 16 आवेदनों की अनदेखी की।