कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है और जमकर चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। इसी क्रम में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनाव प्रचार के लिए कर्नाटक दौरे पर हैं। वे लगातार चुनावी जनसभाएं और रोड शो कर रहे हैं। इस बीच उन्होंने पद्म पुरस्कार से सम्मानित बुजुर्ग महिलाओं से सिर झुकाकर मुलाकात की, जिसके बाद उनकी चारों ओर वाहवाही होने लगी।
पीएम मोदी बुधवार को उत्तर कन्नड़ जिले के अंकोला पहुंचे। वहां उनका दिल छू लेने वाला अंदाज देखने को मिला। उन्होंने पद्म पुरस्कार से सम्मानित तुलसी गौड़ा और सुकरी बोम्मागौड़ा से सिर झुकाकर मुलाकात की। इस दौरान उन्हें इन बुजुर्ग महिलाओं ने आशीर्वाद भी दिया।
तुलसी और सुकरी ने लुटाया प्यार
पीएम मोदी से मिलने के बाद पद्म पुरस्कार विजेता तुलसी गौड़ा और सुकरी बोम्मगौड़ा काफी खुश दिखीं। तुलसी ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि पीएम मोदी दिल्ली से अंकोला के लोगों से मिलने आए। उन्होंने मेरा आशीर्वाद लिया। मैं उनसे पहले भी दिल्ली में मिली थी और हम सभी बहुत खुश हैं। वहीं, सुकरी ने कहा कि पहली बार यहां कोई पीएम आया है। उनके अंकोला आने पर काफी खुशी है। हम बहुत खुश थे और हमारे बच्चे उन्हें देखकर बहुत उत्साहित थे। मैंने उन्हें अपना प्यार और आशीर्वाद दिया।
I'm very happy that PM Modi came here to Ankola. This is the first time a PM came here. We were very happy, and our children were very excited to see him. I gave my love and blessing to him: Sukri Bommagowda, Padma award recipient on meeting PM Modi (04/04) pic.twitter.com/V8tWlnTJNd
— ANI (@ANI) May 4, 2023
6 दिवसीय दौरे पर पीएम
बता दें, पीएम मोदी 29 अप्रैल से 6 दिनों के लिए कर्नाटक के दौरे पर हैं। वो लगातार राज्य में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी ये मुलाकात कर्नाटक की आदिवासी जनता पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है। इससे पहले पीएम मोदी ने बच्चों से भी मुलाकात की थी। इस मुलाकात का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। दक्षिण में कर्नाटक इकलौता राज्य ऐसा है जहां पर बीजेपी सत्ता में है, ऐसे में इस राज्य को वो अपने हाथों से निकलने नहीं देना चाहती। चुनाव जीतने के लिए पार्टी ने अपने सभी स्टार प्रचारकों को उतार दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी के अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी राज्य में लगातार दौरा कर रहे हैं। 10 मई के चुनाव से पहले राज्य में बड़े पैमाने पर रैलियां कर रहे हैं।
कौन हैं तुलसी गौड़ा
तुलसी गौड़ा कर्नाटक के होन्नली स्थित हक्काली जनजाति में साल 1944 में पैदा हुईं थीं। बचपन में ही पिता के निधन के बाद तुलसी गौड़ा को जीवन यापन के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था। आजीविका चलाने के लिए तुलसी ने दिहाड़ी मज़दूर के तौर पर काम किया था। तुलसी अपनी मां के साथ एक नर्सरी में काम करती थीं और 35 सालों तक उन्होंने अपने इस काम को जारी रखा।
अनगिनत पेड़-पौधे लगाए
पेड़-पौधों के संरक्षण में जब उनकी दिलचस्पी ज्यादा बढ़ी तो तुलसी राज्य के वनीकरण योजना में बतौर कार्यकर्ता शामिल हो गईं। साल 2006 में तुलसी को वन विभाग में वृक्षारोपक की नौकरी मिली। यहां उन्होंने 14 सालों तक काम किया। अपने कार्यकाल के दौरान तुलसी ने अनगिनत पेड़ लगाए। इ
जंगल की इनसाइक्लोपीडिया
तुलसी गौड़ा अपने काम में इतनी निपुण हो गईं थीं कि वे किसी भी पेड़ के बारे में लक झपकते ही बता सकती हैं। इसके अलावा तुलसी को बीजों की गुणवत्ता पहचानने का महारथ भी हासिल है। लगभग 80 वर्षीय तुलसी के लगाए गए पेड़ों की संख्या को शायद ही कोई गिनकर बता पाए। अपना पूरा जीवन तुलसी ने पेड़-पौधों को समर्पित कर दिया था इसी वजह से उन्हें जंगल का इनसाइक्लोपीडिया भी कहा जाता है।
कौन हैं हलक्की की बुलबुल
सुकरी बोम्मगौड़ा कर्नाटक के अंकोला से आती हैं। वह परंपरागत जनजातीय संगीत की विरासत को लंबे समय से संभाल रही हैं, जिस कारण उन्हें ‘हलक्की की बुलबुल’ के नाम से पुकारा जाता है। वह लभगग पांच दशकों से जनजातीय संस्कृति की आवाज बनी हुई हैं। 1000 से अधिक पारंपरिक हलक्की गीतों को गाया है।