आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के गॉडफादर कहे जाने वाले जेफ्री हिंटन ने हाल ही में गूगल से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने एआई के विकास को लेकर चेतावनी दी है और कहा है कि इसके परिणाम भयावह हो सकते हैं। हिंटन ने इतना तक कहा कि उन्हें एआई पर काम करने और रिसर्च करने को लेकर पछतावा हो रहा है।
इसी बीच व्हाइट हाउस में एआई के जोखिम को लेकर एक बैठक बुलाई गई है जिसमें Google से लेकर Microsoft, OpenAI और Anthropic जैसी कंपनियों के प्रतिनिधी शामिल होने वाले हैं। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि तमाम टेक कंपनियों के अधिकारी इस चर्चा में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और शीर्ष प्रशासन के अधिकारियों से मिलेंगे।
सीईओ को दिए गए निमंत्रण में राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा है कि कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके प्रोडक्ट जनता के लिए उपलब्ध कराने से पहले सुरक्षित हैं। तेजी से बढ़ती एआई तकनीक के बारे में चिंताओं में गोपनीयता का उल्लंघन, पूर्वाग्रह और चिंताएं शामिल हैं जो स्कैम और गलत सूचनाओं को बढ़ा सकती हैं।
पिछले महीने ही बिडेन ने कहा कि यह देखा जाना बाकी है कि क्या एआई वाकई खतरनाक है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि टेक कंपनियों की यह जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि उनके उत्पाद सुरक्षित हैं। एआई को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा और शिक्षा पर इसके प्रभाव को लेकर सार्वजनिक टिप्पणियां भी मांगी गई है।