पंजाब सरकार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते गुरइकबाल सिंह की डीएसपी पद पर नियुक्त के खिलाफ दोनों याचिकाएं पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दी हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि यह नियुक्ति स्पेशल केस है न कि सिर्फ अनुकंपा के आधार पर। याचिकाएं खारिज होने के साथ ही उनकी नियुक्ति पर हाईकोर्ट की मुहर लग गई है।
दादा बेअंत सिंह की आतंकवाद के दौरान हत्या थी हुई
तरनतारन निवासी प्रवीण कुमार व अन्य ने 2017 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने बेअंत सिंह के पोते गुरइकबाल सिंह को डीएसपी पद पर नियुक्त करने के लिए नियमों का उल्लंघन किया है। इस पद पर नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु 28 वर्ष तय है। जब गुरइकबाल सिंह को इस पद पर नियुक्त किया गया था, तब उनकी आयु 28 वर्ष से अधिक हो चुकी थी। सरकार ने गुरइकबाल सिंह को अनुकंपा के आधार पर इस पद पर नियुक्त किया है, क्योंकि उनके ।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन किया गया
याचिकाकर्ता के अनुसार हत्या के 20 साल के बाद नियुक्ति की गई है। वहीं दूसरी ओर इस नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन किया गया है, जिसमें यह साफ है कि अनुकंपा के आधार पर सिर्फ वास्तविक पीड़ित परिवार के सदस्यों को ही नियुक्ति दी जा सकती है। वह भी तब अगर परिवार और आश्रितों की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है।
गुरइकबाल सिंह की इस पद पर नियुक्ति कर दी गई
परिवार के सदस्य सांसद और विधायक हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति भी बेहद मजबूत है। इतना ही नहीं इस नियुक्ति पर विभागीय आपत्ति भी दर्ज की गई थी। बावजूद इसके गुरइकबाल सिंह की इस पद पर नियुक्ति कर दी गई है जो गलत है। हाईकोर्ट ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि मंत्रिमंडल की सहमति से स्पेशल केस के तौर पर यह नियुक्ति की गई थी न कि केवल अनुकंपा के आधार पर।