Manish Sisodia judicial custody extended: दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया राउज एवेन्यू कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिल सकी है। सिसोदिया के न्यायिक हिरासत को 14 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। आप नेता पहले से ही ईडी की रिमांड पर 22 मार्च तक के लिए हैं। दिल्ली आबकारी केस में मनीष सिसोदिया को फरवरी के अंतिम सप्ताह में सीबीआई ने अरेस्ट किया था। इसके बाद ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका में पूछताछ के बाद फिर से गिरफ्तार कर रिमांड पर ले लिया।
17 मार्च को ईडी रिमांड बढ़ा
बीते शुक्रवार यानी 17 मार्च को ईडी ने मनीष सिसोदिया का रिमांड पांच दिनों के लिए बढ़ा दिया था। दिल्ली आबकारी नीति केस में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया को 22 मार्च तक रिमांड पर दे दिया था। 17 मार्च को उनका रिमांड खत्म हो गया था। हालांकि, ईडी ने स्पेशल कोर्ट में सात और दिनों की रिमांड मांगी थी लेकिन पांच दिन कोर्ट ने दिया। सिसोदिया के वकील ने रिमांड का विरोध किया लेकिन ईडी ने बताया कि मनीष सिसोदिया ने अपने मोबाइल को बार-बार बदला था, उस दौरान का डेटा फिर से निकाला गया है। पूर्व डिप्टी सीएम के ईमेल और मोबाइल फोन से निकाले गए डेटा की एनालिसिस की जा रही है। इसलिए अभी और पूछताछ का समय चाहिए। इस सहमत होते हुए कोर्ट ने पांच दिनों का रिमांड और दे दिया।
9 मार्च को किया था ईडी ने अरेस्ट
ईडी ने मनीष सिसोदिया को 9 मार्च को दिल्ली शराब नीति केस में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। 10 मार्च को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 7 दिन का रिमांड ईडी को दिया था। शुक्रवार 17 मार्च को एक बार फिर ईडी को पांच दिनों का रिमांड कोर्ट ने सैंक्शन कर दिया है। रिमांड मांगते हुए ED ने दावा किया है कि सिसोदिया व अन्य लोगों ने मिलकर दिल्ली आबकारी नीति को लागू करने और छूट देने के लिए 290 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत ली थी।
ईडी ने दावा किया कि शराब कार्टेल के ‘साउथ ग्रुप’ से 100 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। एक आरोपी कंपनी, इंडोस्पिरिट्स ने 192.8 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था। ईडी ने मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं।