नई दिल्ली। चर्चित खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। जालंधर के मैहतपुर में शनिवार को छह समर्थकों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। राज्य में हालात न बिगड़े इसके लिए भारी मात्रा में पुलिस बल जालंधर क्षेत्र में तैनात कर दिया गया है। इंटरनेट को भी बंद कर दिया गया है। पुलिस ने यह गिरफ्तारी अजनाला थाना केस में की है। हालांकि, अभी तक अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी की अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
अमृतपाल सिंह अजनाला थाना में हुई तोड़फोड़ व मारपीट के मामले में आरोपी बनाया गया था। अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह पर शनिवार को पंजाब पुलिस ने शिकंजा कसने की शुरूआत की। जालंधर के मैहतपुर में उसे अरेस्ट किया गया। उसके छह साथियों को भी अरेस्ट करने की सूचना है। यह गिरफ्तारी उस समय की गई जब वह मोगा की ओर जा रहा था। पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस की भनक लगते ही वह गाड़ी में बैठकर लिंकरोड की ओर जाने लगा। पुलिस भी भारी फोर्स के साथ उसके पीछे लग गई। करीब 100 गाड़ियों के साथ पुलिस ने चारों तरफ से घेर लिया और नकोदर एरिया में अरेस्ट कर लिया।
स्थिति न बिगड़े इसलिए कल तक इंटरनेट बंद
अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद राज्य के हालात न बिगड़े इसलिए पंजाब में रविवार सुबह 12 बजे तक इंटरनेट बैन कर दिया गया है।
क्या है अजनाला थाना केस?
दरअसल, बीते फरवरी को अजनाला पुलिस ने अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान को अरेस्ट किया था। 23 फरवरी को खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े हजारों समर्थकों के साथ अमृतपाल सिंह ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। इनके हमले से क्षेत्र की कानून-व्यवस्था तार-तार हो गई थी। बैकफुट पर आई पुलिस को इनके दबाव के आगे लवप्रीत को कोर्ट में अर्जी देकर छुड़ाना पड़ा था। लवप्रीत की रिहाई के बाद ही अमृतपाल अजनाला क्षेत्र से निकला और इस दौरान वह खुलेआम कानून-व्यवस्था को चुनौती देता रहा।
कौन है अमृतपाल सिंह
अमृतपाल सिंह, अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। करीब एक दशक तक वह विदेश में रहा है। बताया जाता है कि साल 2012 में वह दुबई काम करने गया था। बीते सितंबर 2022 को वह अपने देश भारत लौटा है। यहां वापस लौटने के बाद वह खालिस्तानी समर्थक दीप सिद्धू के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख बन गया।