लखनऊ: बिजली कर्मचारियों से ऊर्जा मंत्री की कई दौर की बातचीत आखिरकार बेनतीजा ही रही। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति से जुड़े कर्मचारी इसके बाद बीती रात 10 बजे से हड़ताल पर चले गए हैं। वहीं इस बीच ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के द्वारा हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों को चेतावनी भी दी गई है। उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और काम पर आ रहे कर्मचारियों से अभद्रता करे वालों के खिलाफ एस्मा के तहत एक्शन लिया जाएगा।
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने की चेतावनी
वहीं इस बीच संविदाकर्मी और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने पर उनकी सेवाओं को समाप्त करने की चेतावनी भी दी गई है। ऊर्जा मंत्री ने जानकारी दी कि एनटीपीसी समेत अन्य उपक्रमों और विभिन्न मैन पावर एजेंसियों में टेक्निकल कर्मचारियों को रिजर्व रखा गया है। इन रिजर्व कर्मचारियों की सूची निगमों को भी दी गई है। इस बीच जहां आवश्यकता पड़ती है तो इन कर्मचारियों को बुलाया जाएगा। हड़ताल से निपटने को लेकर पुख्ता इंतजाम होने का दावा भी किया जा रहा है।
गिरफ्तारी पर जेल भरो आंदोलन की चेतावनी
गौरतलब है कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति से जुड़े हुए कर्मचारी रात 10 बजे के बाद से हड़ताल पर जा चुके हैं। वहीं इस बीच समिति से जुड़े कई नेता भूमिगत हो गए हैं। इससे पहले गुरुवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से समिति के पदाधिकारियों से वार्ता की, हालांकि यह बातचीत बेनतीजा रही। इसके बाद समिति के लोगों ने डालीबाग स्थित फील्ड हॉस्टल में सभा की। एलान किया गया कि बिजलीकर्मियों की हड़ताल के समर्थन में देशभर के 27 लाख से ज्यादा कर्मचारी सड़कों पर उतरने के लिए तैयार है। यही बिजली कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जाता है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ जेल भरो आंदोलन शुरू होगा। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उनकी मांगों पर सरकार के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।