चारधाम यात्रा के दौरान इस वर्ष किसी भी रोग से ग्रसित तीर्थयात्री चारों धामों की यात्रा नहीं कर सकेंगे। यात्रियों को यात्रा करने का मन बनाने से पहले जांच करवानी होगी। जांच में यदि यात्री किसी रोग से ग्रसित पाए जाते हैं तो उन्हें यात्रा करने से वंचित रहना पड़ेगा। इस वर्ष यात्रा के दौरान पहले पड़ाव से ही थर्मल स्क्रीनिंग की तैयारी की जा रही है। डॉ. अभिमन्यु निगम के मुताबिक लंबी पैदल यात्रा के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन कम रहती है और ऐसे में पैदल यात्रा के दौरान अचानक शारीरिक तनाव बढ़ने की आशंका रहती है।
तनाव बढ़ने के कारण दिल के पुराने रोगी उच्च रक्तचाप, डायबिटीज धूम्रपान करने वाले और अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों के साथ 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों में हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। कुछ दूर चलने पर सांस फूलना और छाती में दर्द जैसे लक्षणों पर तत्काल यात्रा स्थगित कर देनी चाहिए।यात्रा के प्रथम पड़ाव ऋषिकेश में स्क्रीनिंग की व्यवस्था से उच्च जोखिम वाले तीर्थ यात्रियों की समय पर पहचान की जा सकती है। इसके लिए स्क्रीनिंग फॉर्म में केवल 10 सवालों को शामिल करने और कुछ जांच की जरूरत होगी। पिछले वर्ष चारधाम यात्रा के दौरान 350 यात्रियों की मौत हुई थी। मृतकों में सबसे अधिक संख्या केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की पैदल यात्रा करने वालों की थी। इनमें 90 फीसदी की मौत का कारण हार्टअटैक था। बीच यात्रा के दौरान एम्स की सलाह पर तब भी स्क्रीनिंग की व्यवस्था शुरू की गई थी।
ये बीमारियां है तो यात्रा करना जोखिम
हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज धूम्रपान, पूर्व में हार्ट अटैक लकवा का अटैक, सांस फूलनाछाती में दर्द, एक साथ कईबीमारियों से ग्रसित, अत्यधिक वजन, ब्लड प्रेशर या अधिक शुगर रोग से ग्रसित तीर्थ यात्रियों के लिए यात्रा करना जोखिम भरा हो सकता है। इसके लिए चिकित्सकों द्वारा उचित जांच करवाने और अपनी दवाइयां साथ रखने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य सचिव राजेश कुमार ने बताया कि चार धाम यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिहाज से विशेषज्ञों के जो भी सुझाव होंगे उन पर अमल किया जाएगा। यात्रा से पहले एम्स प्रशासन से समन्वय बनाकर यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।