खेलो इंडिया विंटर गेम्स के सारे मेडल जीतकर भी उत्तराखंड के सितारे सरकारी तंत्र की अनदेखी से हार गए। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए खेल विभाग से उन्हें किराया मिला न किट मिल सकी। जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में हाड कंपा देने वाली रात में उन्हें कमरे के लिए भटकना पड़ा। स्पर्धा में जीते तमगों की चमक में वे ये सारे दर्द भूल गए।
मगर जब इन उपलब्धियों के साथ घर लौटे तो अपने ही राज्य के खेल विभाग की उपेक्षा ने गुलमर्ग के बुरे अनुभवों को ताजा कर दिया। जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में 10 से 14 फरवरी तक खेलो इंडिया विंटर गेम्स आयोजित किए गए थे। विंटर गेम्स में प्रतिभाग के लिए उत्तराखंड से स्नो स्कीइंग, स्नो शू और स्की माउंटेनियरिंग के लिए दो कोच के साथ नौ खिलाड़ी नौ फरवरी को गुलमर्ग पहुंच गए थे, लेकिन उनका पहले ही दिन कड़वा अनुभव रहा।
टीम के खिलाड़ियों के मुताबिक गुलमर्ग में रात कमरे के लिए इधर से उधर भटकना पड़ा। जबकि रहने के लिए और गुलमर्ग आने-जाने के लिए एसोसिएशन की ओर से उनसे प्रति खिलाड़ी 12 हजार रुपये लिए गए थे। खेेल विभाग और एसोसिएशन की ओर से उन्हें किट भी उपलब्ध नहीं कराया गया। इसके बावजूद राज्य के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया।