नोएडा: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शुक्रवार को नोएडा पहुंचे। यहां उनके द्वारा सेक्टर-63 स्थित हजरतपुर वाजिदपुर गांव में प्रतिमा राज पाल सिंह यादव की प्रतिमा का अनावरण किया गया। इसके बाद उन्होंने जनसभा को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी केशव प्रसाद मौर्य को हमेशा आगे करती है। जातीय जनगणना अंग्रेजों के शासनकाल में आखिरी बार 1931 में हुई थी। अखिलेश यादव ने बताया कि नेता जी (मुलायम सिंह यादव) और शरद यादव ने कांग्रेस सरकार ने प्रयास किया था। आज सबसे जरूरी जातीय जनगणना ही है। इस बीच उन्होंने कहा कि जाति जनगणना पर छुटभैया नेता न बोलें, इस पर सिर्फ पीएम और सीएम ही बोले।
जातीय जनगणना को लेकर संजय निषाद पर साधा निशाना
अखिलेश यादव ने इस दौरान संजय निषाद और आशीष पटेल को छुटभैया नेता बताकर तंज कसा। इस बीच उन्होंने संजय निषाद ने पूछा क्या ये आउटसोर्सिंग का समर्थन करते हैं। नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना का समर्थन किया, क्या संजय निषाद उनसे बड़े नेता हो गए हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि अगर बीजेपी कहती है कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास तो कम से कम हर जाति में ये विश्वास पैदा हो कि उनको भी योजना से जोड़ा गया। यह भारतीय जनता पार्टी की भी जिम्मेदारी है कि वह इसे करें। यदि वह ऐसा नहीं करते है तो जब कभी सपा को मौका मिलेगा तब जाति जनगणना होगी। इस बीच कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि मीडिया के कहने से गठबंधन नहीं होता है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे को लेकर कार्यकर्ताओं में दिखा उत्साह
जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने जनता से जुड़े हुए मुद्दे भी उठाए। उन्होंने कहा कि जो लोग पाम आयल का प्रचार करते थे कई लोग बीमार हो गए और पाम आयल उनका पाओगें जो पहले दुनिया में दो नंबर पर था अब नंबर ही नहीं पता कहा चले गए। गेहूं का आटा कितने में खरीदते होंगे आप, आटा कितना महंगा हो गया, काली दाल कितने में खरीदते है आप, मूंग दाल अरहर दाल कितने में हो गयी, सौ रुपए में दाल है की नहीं है। अखिलेश यादव के नोएडा दौरे पर कार्यकर्ताओं में जमकर उत्साह भी देखने को मिला। पदाधिकारियों की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे को लेकर पहले से ही तैयारी की जा रही थी। दौरे के दौरान अखिलेश यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकर संगठन के विस्तार को लेकर भी चर्चा की।