भरतपुर. हरियाणा के भिवानी जिले के जंगलों में राजस्थान के भरतपुर निवासी गौ तस्कर जुनैद और नासिर को जिंदा जलाकर मार देने के मामले में अब राजस्थान पुलिस बैकफुट पर आ रही है। हरियाणा में बजरंग दल और गौर रक्षकों के नेता मोनू मानेसर के पक्ष में हुई महापंचायत में राजस्थान पुलिस को मिली धमकी के बाद अब पुलिस ने अपनी जांच की दिशा ही बदल दी है। अब तक जिस मोनू मानेसर का नाम सबसे पहले लिया जा रहा था, मीडिया रिपोर्ट्स में भी पुलिस के द्वारा मोनू का नाम लिया जा रहा था और सबसे पहले जो एफआईआर लिखी गई थी भरतपुर में उसमें भी मोनू का नाम सबसे उपर था, लेकिन अब जो आठ लोगों के नाम और फोटो जाहिर किए गए हैं पुलिस के द्वारा उसमें मोनू का नाम कहीं नहीं है।
हरियाणा की धमकी के बाद बुरी फंस गई है राजस्थान पुलिस
दरअसल इस मामले में नहीं चाहते हुए भी राजस्थान पुलिस बुरी तरह से फंस गई हैं । एक आरोपी श्रीकांत की तलाश में जब पुलिस उसके घर गई तो उसकी गर्भवती पत्नी के पेट पर कथित तौर पर लात मारने के मामले में और उसके बच्चे की मौत होने के मामले में पुलिस पर केस दर्ज हो गया है। भरतपुर पुलिस के चालीस जवानों पर यह केस दर्ज हुआ है। इस मामले में हरियाणा पुलिस ने खुद को बचा लिया है। उपर से मोनू के पक्ष में पंचायत हो रही है पुलिस को हरियाणा में घुसने के दौरान हाथ पैर तोड़ने की धमकियां मिल रही है। बताया जा रहा है कि इन सभी मामलों को देखते हुए पुलिस ने फिलहाल मोनू के नाम पर विचार करना छोड़ दिया है। अन्य आरोपियों पर पुलिस नजर बनाए है और उनको अरेस्ट करने की कोशिश है। इन आरोपियों में श्रीकांत का नाम भी है।
क्यों मोनू पानेसर से डरी है राजस्थान और हरियाणा पुलिस
अब बात मोनू मानेसर की…. दरअसल मानेसर बजरंग दल का नेता होने के साथ ही गौ रक्षा दल का भी बड़ा नेता है। उसके अंडर में हरियाणा के कई शहरों में हजारों की संख्या में युवा काम करते हैं। पुलिस भी अन ऑफिशियल तौर पर उसे सपोर्ट करती हैं। कई आयोजनों में पुलिस अफसरों तक के साथ उसके फोटो हैं। ऐसे में उसे पकडने के लिए राजस्थान पुलिस को बहुत ही ज्यादा मशक्कत करनी पडेगी, यह तय है।