नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया है कि दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को भारत लाया जा रहा है। इनमें से 7 नर और 5 मादाएं हैं। चीतें 18 फरवरी को भारत आ जाएंगे। उन्हें मध्यप्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा। इससे पहले 17 सितंबर 2022 में अफ्रीकी देश नामीबिया से आठ चीतों को लाया गया था।
डीजी वाइल्डलाइफ एसपी यादव ने बताया कि नामीबिया से लाए गए सभी चीते कुनो नेशनल पार्क के परिवेश में अच्छी तरह ढल गए हैं। सासा नाम की चीता को छोड़कर सभी चीते अच्छा कर रहे हैं। गुरुवार सुबह हिंडन एयर बेस से भारतीय वायुसेना का C-17 ग्लोबमास्टर विमान रवाना हुआ है। चीतों को लाने के लिए वायुसेना की ओर से कोई चार्ज नहीं लिया जा रहा है। चीते 18 फरवरी को भारत आ जाएंगे। उन्हें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा।
नामीबिया से लाए गए चीते कर रहे शिकार
अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीते हैं। ये चीते हर तीन से चार दिन में एक शिकार कर रहे हैं। उनकी सेहत अच्छी है। सासा नाम की एक चीता क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ने से बीमार हो गई थी। इलाज के बाद वह ठीक हो गई है। चीतों को लाने के लिए दक्षिण अफ्रीका और भारत ने जनवरी में MoU पर साइन किया था।
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका, नामिबिया और बोत्सवाना में 7 हजार से अधिक चीते हैं। दुनिया में सबसे अधिक चीते नामिबिया में हैं। भारत से चीते 1948 तक विलुप्त हो गए थे। पहले भारत में चीतों को अच्छी संख्या थी, लेकिन अधिक शिकार किए जाने के चलते वे पूरी तरह खत्म हो गए थे। भारत में फिर से चीतों को आबाद करने के लिए सरकार द्वारा प्रोजेक्ट चीता चलाया जा रहा है।