बेंगलुरु। भारत में बना स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत तैनाती के लिए तैयार है। इसे इस साल के अंत तक तैनात कर दिया जाएगा। बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया 2023 (Aero India 2023) में भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि अधिकारी विक्रांत के प्रदर्शन से खुश हैं।
हाल ही में नौसेना के लिए बने LCA और MiG-29K विमानों ने सफलतापूर्वक विक्रांत पर लैंडिंग और टेकऑफ किया था। नौसेना प्रमुख ने कहा कि हम चेतक और सीकिंग हेलिकॉप्टर से एविएशन ट्रायल भी कर रहे हैं। हम टच-एंड-गो सहित विभिन्न अभ्यासों से उपकरण को कैलिब्रेट कर रहे थे। अंत में विमान की लैंडिंग कराई गई।
दो महीने तक चलेगा विमानों का ट्रायल
विक्रांत पर विभिन्न विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ का ट्रायल दो महीने तक चलेगा। इस दौरान विभिन्न परिस्थितियों में विमान के संचालन की जांच की जाएगी। विमानों का ट्रायल पूरा होने के बाद विक्रांत में मिसाइल और दूसरे हथियार लगाए जाएंगे। इसके लिए विक्रांत को ड्राइ डॉक पर वापस लाया जाएगा।
मानसून खत्म होने पर तैनात होगा विक्रांत
एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि विक्रांत में एमएफ-स्टार (multi-functional digital active electronically scanned array radar) मई में लगाया जाएगा। इसमें तीन से चार महीने का समय लगना चाहिए। इसके बाद मानसून शुरू हो जाएगा। मानसून खत्म होने पर विक्रांत ऑपरेशनल रूप से तैयार हो जाएगा। इस बीच विक्रांत को लंबी दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइलों से लैस किया जाएगा।
2031-32 तक शुरू होगा TEDBF का निर्माण
TEDBF (Twin Engine Deck Based Fighter) विमान के बारे में हरि कुमार ने कहा कि DRDO (Defence Research and Development Organization) और HAL (Hindustan Aeronautics Limited) के साथ नौसेना की बातचीत चल रही है। इसका प्रोटोटाइप 2026 तक बना लिया जाएगा। 2031-32 तक विमान का निर्माण शुरू हो जाएगा। 2040 तक नौसेना को 45 TEDBF विमान मिलेंगे।