जोशीमठ का भविष्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट से तय होगा। भू-धंसाव के कारणों की पड़ताल करने के लिए जोशीमठ में डेरा जमा चुकी सभी आठ केंद्रीय संस्थानों की विशेषज्ञों दल अपनी रिपोर्ट एनडीएमए को देंगे।

एनडीएमए इन रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को देगा। राज्य सरकार प्राधिकरण की रिपोर्ट के आधार पर जोशीमठ के भावी स्वरूप के लिए योजना तैयार करेगी। बृहस्पतिवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस विषय पर गहनता से मंथन हुआ।

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने कहा कि जोशीमठ में आठ अलग-अलग केंद्रीय संस्थानों की टीम अध्ययन कर रही हैं। उनकी रिपोर्ट में विरोधाभास की संभावना भी है। इसलिए किसी एक संस्थान की रिपोर्ट के आधार पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता है। सभी संस्थानों को कहा गया है कि जैसे-जैसे उनकी जांच पूरी होगी, वे अपनी रिपोर्ट एनडीएमए को उपलब्ध कराएंगे।

सभी आठ संस्थानों के विशेषज्ञ जांच दल की रिपोर्टों के आधार पर प्राधिकरण राज्य सरकार को अपनी एकरूपता वाली संयुक्त रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को देगा। इस रिपोर्ट पर राज्य सरकार जोशीमठ के लिए स्थायी पुनर्वास व पुनर्निर्माण की योजना तय करेगी।

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स्थितियां बदल गईं, नए तरीके से सोचना होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ में ड्रेनेज सिस्टम के लिए डीपीआर बनाने के लिए टेंडर हो चुके थे। लेकिन अब नए तरीके से सोचना होगा, क्योंकि तब और अब की स्थिति में अंतर है। अब सभी काम नए सिरे से होंगे।

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आठ संस्थान जोशीमठ में काम कर रहे हैं। उन सभी की रिपोर्ट का एनडीएमए की टीम अध्ययन करेगी। मैंने राहत कार्यों की समीक्षा की है। नया शहर बसाना है। मुआवजा तय होना है। इन सभी बातों पर जिलाधिकारी को सबसे सुझाव लेने के बाद रिपोर्ट देने को कहा गया है।- पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।