रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के खिलाफ देश के जाने-माने पहलवानों का प्रदर्शन दिल्ली के जंतर-मंतर पर जारी है। वहां बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट जैसे पहलवानों के साथ कई पहलवान मोर्चा खोले हुए हैं। पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं और उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं। गुरूवार को लेफ्ट पार्टी की नेता वृंदा करात भी पहलवानों का समर्थन करने पहुंची लेकिन उन्हें पहलवानों के गुस्से का शिकार होना पड़ा।
वृंदा करात को पुनिया ने दिखाया आईना
पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए सीपीआईएम नेता वृंदा करात भी पहुंचीं लेकिन पहलवानों ने उन्हें मंच से नीचे उतार दिया और आईना दिखाया। पहलवानों ने उनके मंच पर पहुंचते ही कहा कि इसे राजनैतिक मुद्दा न बनाएं क्योंकि यह पहलवानों की लड़ाई है। यह रिक्वेस्ट करने के बाद भी करात के साथ आई महिला ने पोस्टर लहराया जिसके बाद पीछे खड़े पहलवानों ने उन्हें आगे जाने के लिए कहा। मजबूरीवश उन्हें सामने बैठे लोगों के बीच जाकर बैठना पड़ा। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है और लोग बजरंग पुनिया की तारीफ कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ऐसे नेताओं को इसी तरह से आईना दिखाने की जरूरत है।
क्यों चल रहा पहलवानों का प्रदर्शन
महिला पहलवान विनेश फोगाट ने भारतीय कुश्ती संघ के प्रेसीडेंट और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विनेश फोगाट ने बीजेपी नेता पर यौन शोषण का गंभीर आरोप मढ़ा है। महिला पहलवान का आरोप है कि कोच महिलाओं को प्रताड़ित कर रहे हैं और फेडरेशन के चहेते कुछ कोच महिला कोचों के साथ भी बदसलूकी करते हैं। साथ ही कोच लड़कियों का यौन शोषण भी करते हैं। इन्हीं आरोपों को लेकर देश के कई फेमस पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं और उनका धरना जारी है।
फेडरेशन को भंग करने की मांग
पहलवानों को मनाने की हर संभव कोशिशें की जा रही हैं और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों के साथ बातचीत की है। साथ ही मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने तक का आश्वासन दिया है लेकिन पहलवान इस बात पर राजी नहीं हैं। शुक्रवार को पहलवानों ने कहा कि यहां सभी मेडलिस्ट बैठे हैं और सभी भारत के लिए खेलते हैं। पहलवानों ने कहा कि उनकी सिर्फ एक ही मांग है कि फेडरेशन को भंग किया जाए। बजरंग पुनिया ने कहा कि उनकी ट्रेनिंग खराब हो रही है और वे यहां धरने पर नहीं बैठे रहना चाहते हैं। फेडरेशन पूरे मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है लेकिन यहां सिर्फ खिलाड़ी धरना दे रहे हैं।