मध्य प्रदेश में आंदोलन के बाद से ही किसानों की खुदकुशी का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को राज्य के सिहोर जिले की आष्ठा तहसील में एक और किसान ने खुदकुशी कर ली। किसान की पहचान 75 वर्षीय खाजू खान के तौर पर हुई है। वहीं इसके साथ ही 25 वर्षीय किसान मुकेश ने जहर खाकर अपनी जान दे दी है। 6 लाख के कर्ज में दबे मुकेश लाछौर गांव के रहने वाले हैं। आपको बता दें कि बीते 60 घंटों में यह 9वीं खुदकुशी है, वहीं 6 जून के बाद से कुल 10वीं है।
इससे पहले बुधवार देर शाम भी नर्मदा प्रसाद नामक किसान ने होशंगाबाद में अपनी जान दे दी। उन्होंने बुधवार को ही 50,000 रुपये की मूंगदाल भी बेची थी।परिजनों की मानें, तो जिनसे नर्मदा प्रसाद ने कर्ज लिया है, वह उसका ट्रैक्टर और पैसे भी ले गए हैं।
आपको बता दें कि जिले के बालाघाट थाना अंतर्गत बल्लारपुर निवासी लगभग 40 से 42 वर्षीय किसान ने कर्ज से परेशान होकर जहर खा लिया था। जिसकी जिला अस्पताल में मौत हो गई। बताया जाता है कि किसान रमेश बसेने पर सोसाइटी का लगभग डेढ़ से दो लाख रुपए कर्ज था। हालांकि किसान रमेश पर यह कर्ज पुराना था, जो उसने खाद और अन्य कृषि जरूरतों के लिए लिया था।
बुधवार सुबह किसान रमेश अपने चाचा तुलसीराम के घर गया था, जहां उसने चर्चा में चाचा को कर्ज से परेशानी वाली बात बताई थी। बताया जा रहा है कि किसान पर खेती के लिए कर्ज नहीं जमा हो पाने के चलते उसे बैंक के माध्यम से नोटिस दिया जा रहा था।
बुधवार सुबह खेत से लगभग 9 बजे जब वह घर लौटा तो घर में उसकी हालत बिगड़ने से परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर आये थे, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। चाचा तुलसीराम और पत्नी जानकीबाई ने बताया है कि रमेश कर्ज के कारण मानसिक रूप से परेशान था। जिसके चलते वह शराब भी पीने लगा था। हालांकि अब तक कर्ज से किसान की मौत की पुष्टि प्रशासन ने नहीं की है।
खेत किसान कांग्रेस अध्यक्ष सुकदेव मुनि कुतराहे ने कहा कि किसान रमेश की मौत की वजह उसका कर्ज था। जिसके लिए उसे नोटिस आ रहे थे। जिससे परेशान किसान रमेश ने आज खेत में जहर खा लिया, जिसके चलते अस्पताल में उसकी मौत हो गई। दूसरी ओर बताया जा रहा है कि किसान रमेश लगातार शराब पी रहा था। संभवत इसी के चलते उसने जहरीली दवा खा ली। परिजनों की मानें तो किसान रमेश ने कर्ज से परेशान होकर जहर खाकर जान दे दी।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को मंदसौर के बड़वन गांव पहुंचे थे। शिवराज ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। परिवारजनों ने सीएम के सामने इंसाफ की मांग रखी थी।