saat-phere

नयी दिल्ली – हिंदू धर्म के अनुसार शादी के दौरान दुल्हा-दुल्हन को सात फेरे लेने होते हैं। इन सात फेरे के दौरान दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे से सात वचन देते हैं। शादी कुछ लोगों के लिए यह सात जन्मों तक साथ निभाने का रिश्ता है तो कुछ के लिए यह केवल एक जन्मों का बंधन है। शादी दो लोगों का ही नहीं बल्कि दो परिवारों के मिलन का भी रिश्ता है।

क्यों लेना होगा 8 फेरा ?

saat-phere

अगर आप बिहार के रहने वाले है तो बिहार सरकार का नया कानून है की आप शादी के 7 फेरो की जगह 8 फेरे लेंगे। 8 फेरा एक तरह का शपथ पत्र होगा जिसके अनुसार दूल्हा और दुल्हन बालिग है और शादी बिना दहेज के हुई है।

यह नियम 2 अक्टूबर से लागु हुआ है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 अक्टूबर को बिहार के सभी कॉलेज, सरकारी दफ्तर,स्कूलों में दहेज न लेने और न देने की शपथ दिलाते हुए कहा था कि जिस शादी में दहेज का लेन-देन हुआ है, वह उस शादी को मान्यता नहीं देंगे। मैरिज हॉल के मैनेजर हॉल को तभी करेंगे जब यह शपथ पत्र उनके पास होगा। बिहार की सरकार दहेज प्रथा और बाल-विवाह के खिलाफ काफी शख्ती से निपट रही है।जन जागरण अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

यह जंग दहेज प्रथा व बाल विवाह के खिलाफ है

child-marriage
नीतीश सरकार ने इस शपथ पत्र को भरवाने का जिम्मा मैरिज हॉल के प्रबंधकों को सौंपा है।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ छेड़े गए अभियान के तहत अब हर नवविवाहित जोड़े को एक शपथ पत्र देना होगा जिसमें उसे इस बात का वचन देना होगा कि यह विवाह बाल विवाह नहीं है और इसमें दहेज का कोई लेन देन नहीं हुआ है।