LOC के आसपास पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों ने पिछले चार महीनों में करीब 55 कैंप बना लिए हैं। खुफिया सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों के मुताबिक इन शिविरों में प्रशिक्षित कर आतंकी जम्मू-कश्मीर में भेजे जा रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में एलओसी पार भारतीय सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक में कई आतंकी शिविर नष्ट हो गए थे।
फिलहाल कश्मीर घाटी में करीब 160 आतंकवादी सक्रिय हैं और उनके पाकिस्तानी आकाओं ने उन्हें भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले करने के निर्देश दिए हैं। इस तरह सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जिन लॉन्चिंग पैड को बंद कर दिया था, वहां अब एक बार फिर बड़ी संख्या में ट्रेनिंग कैम्प से आतंकियों को लाकर भारत के अंदर भेजने का बड़ा प्लान तैयार हुआ है।
तालिबानी और अफगानी आतंकी भी साथ में
इसके पहले पिछले महीने भी भारतीय खुफिया एजेंसियों को यह जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI और पाक आर्मी मिलकर एक बार फिर LOC के पास मौजूद लॉन्चिंग पैड को सक्रिय करने में जुट गए हैं। ख़ुफ़िया रिपोर्ट से खुलासा हुआ था कि करीब 25 से 30 लॉन्चिंग पैड को फिर से पाक ख़ुफ़िया एजेंसी ISI ने सक्रिय कर दिया है। इन लॉन्चिंग पैड्स पर लश्कर ,जैश, हिज़्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों के साथ-साथ तालिबानी और अफ़गानी आतंकियों के मूवमेंट को सुरक्षा एजेंसियों ने इंटरसेप्ट किया है। अब खबर मिल रही है कि आतंकियों ने अपने कैम्प की संख्या बढ़ाकर 55 तक कर ली हैं।
ISI की घातक योजना
ख़ुफ़िया रिपोर्ट के अनुसार पाक अधिकृत कश्मीर में 17-18 ट्रेनिग कैम्प में आतंकियों को ट्रेंड करके LOC के पास मौजूद 25 से 30 लॉन्चिंग पैड्स से भेजने का बड़ा प्लान बनाया गया है। अब हम आपको बताते हैं कि किन-किन ट्रेनिंग कैंप को आतंक की ट्रेनिंग के लिए पाक ख़ुफ़िया एजेंसी ISI इस्तेमाल कर रही है। पाक एजेंसी इन कैंप से आतंकियों को ट्रेन्ड करके भारत के खिलाफ बड़ी साजिश को अंजाम देने की फ़िराक में है।
पिछले साल सितंबर महीने में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब पाकिस्तान ने नई जगहों, नए लोकेशन में टेरर कैंप बनाए हैं। नए रास्ते पर आतंकवादियों के ठहरने और प्रैक्टिस करने का इंतजाम किया गया है। आतंकवादियों के इन नए ठिकानों के बारे में देश की सुरक्षा एजेंसियां पिछले कुछ महीने से पता करने की कोशिश कर रही थीं। अब स्पेसिफिक जानकारी मिल गई है कि आतंकवादियों के अड्डे कहां हैं, ट्रेनिंग कहां होती है और वो घुसपैठ से पहले कहां रुकते हैं।