नई दिल्ली : इराक में बीते दिनों अगवा हुए 39 भारतीय लोगों की मौत हो चुकी है। इसकी पुष्टि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को राज्यसभा में की। उन्होंने बताया कि 38 लोगों का डीएनए मैच हो गया है, जबकि 39वें का डीएनए 70 प्रतिशत तक मैच हो गया है। लाशों के ढेर में से भारतीयों के शवों को ढूंढा गया जिसके बाद उनके मारे जानें का पता चला। विदेश मंत्री ने बताया कि इन 39 भारतीयों के शवों को अमृतसर एयरपोर्ट लाया जाएगा। विदेश मंत्री ने बताया कि इनमें से 31 पंजाब के और चार हिमाचल प्रदेश के हैं। विदेश मंत्री ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार के लोगों के प्रति संवेदना जताई।
बता दें कि ISIS आतंकियों के चंगुल से बचकर भारत लौटे गुरदासपुर के हरजीत ने पहले ही दावा कर दिया था कि आतंकियों ने उसके सामने ही सभी लोगों को मार दिया था पर उसकी बात पर किसी ने यकीन नहीं किया। हरजीत का बार-बार कहना था कि बगदादी के खुंखार आतंकियों ने 39 भारतीयों को उसके सामने ही मार दिया। उन्होंने बताया कि पहले किडनैप किया दो दिन साथ रखा फिर मार दिया।
दरअसल मोसुल से आतंकियों ने 80 लोगों का अपहरण किया था। इसमें 40 भारत के थे और 40 बांग्लादेशी। सबको बगदादी के आंतकी बदूश लेकर गए। हरजीत भी उन्हीं 40 में से एक है। हरजीत ने बताया कि आतंकियों ने उसे भी गोली मारी थी, पर वो बच गया। इसके बाद में उन्होंने खुद को बांग्लादेशी बताया और वहां से भाग निकला। मोसुल से भागकर हरजीत हिंदुस्तान पहुंचा।
हरजीत की बात पर नहीं किया भरोसा
हरजीत ने बतया कि उन्होंने सबको 39 भारतीयों के मरने की बात बताई मगर किसी ने उनकी बात का भरोसा नहीं किया। बगदादी के आंतिकियों ने जिन 40 लोगों को अगवा किया था उसमें अमृतसर के भोइवाल गांव के मनजिंदर भी थे। 15 जून को हरजीत ने कहा था कि सब मारे गए। 17 जून को मनजिंदर की बहन ने सूचना दी कि उसके पास फोन आया था कि हम सब सुरक्षित हैं। तो इस पर हरजीत ने कहा कि हो सकता है कि कोई एक दो बचा हो वरना सब मारे गए।
बता दें कि जिन 39 भारतीयों को 11 जून 2014 को मोसुल से आईएसआईएस आतंकियों ने अगवा किया था। उनमें हिमचाल प्रदेश, पंजाब, बिहार, और केरल के रहने वाले भारतीय थे। अगवा भारतीय परिजनों की तलाश पिछले तीन साल से हो रही है। मगर अबतक कहीं कोई सुराग नहीं मिला था।