कोयला

कोयला घोटाले में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाला मामले में पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता को दो साल की सजा सुनाई है। CBI कोर्ट के स्पेशल जज भारत पाराशर ने एच सी गुप्ता, केएस क्रोफा समेत अन्य दोषियों को सजा का ऐलान किया। सजा के अलावा दोषियों पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अलावा केएसएसपीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन कुमार आहूलविया को तीन साल की सजा सुनाई गई है, वहीं उनपर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं केएसएसपीएल पर 1 करोड़ का जुर्माना लगा है। हालांकि कोर्ट की ओर से सभी दोषियों को बेल भी दे दी गई है।

कोयला घोटाला मामले में शुक्रवार को दिल्ली की एक स्पेशल कोर्ट ने पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोप में दोषी करार दिया। कोर्ट ने कोयला मंत्रालय के तत्कालीन जॉइंट सेक्रेटरी केएस क्रोफा और तत्कालीन डायरेक्टर केसी समारिया को भी दोषी करार दिया।  कोर्ट ने इस मामले में एसएसपीएल कंपनी और उसके एमडी पवन कुमार अहलूवालिया को भी दोषी करार दे दिया।  बता दें कि यह घोटाला मनमोहन सिंह के समय यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान हुआ था।

कोयला घोटाला
मार्च 2012 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में तत्कालीन सरकार पर कोल ब्लॉक आवंटन में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था। 1.86 लाख करोड़ के इस घोटाले में कैग ने यूपीए सरकार पर साल 2004 से 2009 के बीच कोल ब्लॉक का आवंटन गलत तरीके से करने का आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट के आने के बाद भारत में पहली बार किसी प्रधानमंत्री पर किसी मामले को लेकर सवाल खड़े किए गए थे।

ब्लॉक का आवंटन बिना किसी नीलामी के कर दिया गया था और ऐसा करने से सरकारी खजाने को 1 लाख करोड़ से भी ज्यादा का नुकसान हुआ था और कंपनियों ने बहुत ज्यादा मुनाफा कमाया था। इन कंपनियों में टाटा स्टील, एनटीपीसी, जेएसपीएल, भूषण स्टील, और सीईएससी के नाम शामिल हैं।