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जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पास लगभग 150 आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में तैयार बैठे हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों ने आर्मी कैंप पर आत्मघाती हमला किया है। इसमें भारत के तीन जवान शहीद हो गए, वहीं दो आतंकियों को मार गिराया गया है। इस हमले के जरिए भारतीय सेना का ध्यान भटका कर सीमा पार से घुसपैठ करने की साजिश रची जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, पीओके से ISI द्वारा आतंकियों को निर्देश दिया जा रहा है कि वे जम्मू-कश्मीर में स्थित आर्मी कैंप और मोबाइल कम्युनिकेशन टॉवर को निशाना बनाएं। सूबे में मोबाइल इंटरनेट बंद होने की वजह से आतंकी गुस्से में हैं। इसलिए सीमापार से आतंकियों को इस बात का बदला लेने का निर्देश दिया जा रहा है। वहीं, 28 अप्रैल को जम्मू से श्रीनगर शिफ्ट हो रहे जम्मू-कश्मीर दरबार पर भी आतंकी हमले का अलर्ट है।

लेफ्टिनेंट जनरल जे एस सिंधु ने कहा कि जम्मू के पुंछ और रजौरी के सामने स्थित पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों के आतंकवादी शिविरों में कुछ और आतंकवादी होंगे। संधू ने कहा, ‘एक अनुमान के अनुसार हमारे क्षेत्र (15वीं कोर) में वर्तमान समय में करीब 150 आतंकवादी हैं। (जम्मू क्षेत्र में) पुंछ-रजौरी क्षेत्रों में कुछ और आतंकवादी भी होंगे।’

लेफ्टिनेंट संधू ने कहा कि नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से घुसपैठ पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष कम रही है। पिछले वर्ष घुसपैठ अधिक थी। इस वर्ष अभी तक हम घुसपैठिये रोकने में सफल रहे हैं। बर्फ ने भी हमारी मदद की है। इस वर्ष अधिक बर्फबारी होने से आतंकवादियों को घुसपैठ करने में मुश्किल हो गई है। हम उन्हें रोकना जारी रखेंगे ताकि आतंकवाद नहीं बढ़ने पाए। सेना मुस्तैद है।

बता दें कि कुछ दिनों पहले जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों का ऐसा वीडियो सामने आया था। वीडियो भारत-पाक सीमा पर एलओसी के पास कहीं बनाया गया है। इस वीडियो में तकरीबन 19 से 20 आतंकी दिख रहे हैं। इन सभी के हाथों में एके 47 जैसी गन है। इस वीडियो को देखने के बाद यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन आतंकियों को किसी का खौफ नहीं है।

बताया गया है कि आतंकियों ने ये वीडियो सोशल मीडिया पर एक एजेंडे के तहत शेयर किया है। वीडियो जारी करने का मकसद दक्षिण कश्मीर में अपनी मौजूदगी दिखाना है। वीडियो में करीब 30 की संख्या में आतंकी खुलेआम हथियार लेकर घूमते दिखाई दे रहे हैं। हैरान करने वाली बात ये भी है कि पिछले 20 सालों में पहली बार ऐसा देखने में आया है जब इतनी संख्या में आतंकी एक साथ नजर आए हैं।