चंडीगढ़ की रहने वाली भारत की 101 साल की धाविका मान कौर ने सोमवार को वर्ल्ड मास्टर्स गेम्स की 100 मीटर फर्राटा स्पर्धा का गोल्ड मेडल जीता है। मान कौर स्पर्धा के 100 या अधिक आयु वर्ग में अकेली प्रतिस्पर्धी थीं और उन्होंने एक मिनट 14 सेकेंड में रेस पूरी कर गोल्ड मेडल हासिल किया। 101 साल की मान कौर के करियर का कुल 17वां स्वर्ण पदक है। वह पूरी दुनिया में होने वाले मास्टर्स गेम्स में 20 से अधिक पदक जीत चुकी हैं।
मान कौर ने उसैन बोल्ट के 2009 में बनाए गए 100 मीटर के विश्व रिकार्ड से 64.42 सेकेंड का अधिक समय लिया।
टूर्नामेंट में बुधवार को वह 200 मीटर रेस में भी हिस्सा लेंगी। इसके अलावा मान कौर ने गोला फेंक और भाला फेंक स्पर्धाओं के लिए पंजीकरण करवाया है।
बेटे गुरदेव सिंह से प्रशिक्षण प्राप्त मान कौर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी हैं। गुरदेव भी धावक हैं और कनाडा में रहते हैं। बेटे के प्रोत्साहन पर मान कौर ने 93 वर्ष की अवस्था से एथलेटिक्स शुरू की।
.वेबसाइट ‘टीवीएनजेड डॉट को डॉट एनजेड’ की रिपोर्ट में मान कौर के हवाले से कहा गया है, “मेरा बेटा जो भी करता हैं मैं उसी का अनुसरण करती हूं। मैं अपने बेटे के साथ रोज अभ्यास करती हूं। खुद को फिट और स्वस्थ रखना मुझे पसंद है। मरते दम तक दौड़ती रहूंगी।”
न्यूजीलैंड की मीडिया ने कौर को चंडीगढ़ का चमत्कार बताया। कौर की जीत हालांकि पक्की थी क्योंकि 100 वर्ष से अधिक उम्र के वर्ग में वह अकेली भागीदार थी। न्यूजीलैंड में हुई इस प्रतियोगिता में हालांकि, कुल 25 हजार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था।
नकी योजना ऑकलैंड में 200 मीटर दौड़, दो किग्रा गोला फेंक और 400 ग्राम भाला फेंक में भाग लेने का है।